घाघरा का घटने लगा जलस्तर
-खतरे के लाल निशान से 16 सेंटीमीटर ऊपर बाढ़ -ढाई मिली मीटर प्रति घंटे की दर से घट रहा पानी -चित्र संसू अंबेडकरनगर घाघरा नदी की बाढ़ पिछले चार दिनों की उफान के बाद वापस पीछे खिसकने लगी है। दो से ढाई मिलीमीटर प्रतिघंटे की दर से नदी का जलस्तर कम हो रहा है। हालांकि बाढ़ का पानी अभी खतरे के निशान के ऊपर है। टांडा और आलापुर तहसील क्षेत्र के तटीय प्रभावित गांवों में आबादी के बीच बाढ़ का खतरा बरकरार है। टांडा संवादसूत्र के मुताबिक नदी के जलस्तर में गत गुरुवार के सापेक्ष शुक्रवार को सात सेंटीमीटर का गिरावट दर्ज हुई। सुबह दो बजे रिकार्ड हुए जलस्तर में नदी खतरे के निशान 92.730 मीटर से 16 सेंटीमीटर ऊपर 92.
अंबेडकरनगर : घाघरा नदी की बाढ़ पिछले चार दिनों की उफान के बाद वापस पीछे खिसकने लगी है। दो से ढाई मिलीमीटर प्रतिघंटे की दर से नदी का जलस्तर कम हो रहा है। हालांकि बाढ़ का पानी अभी खतरे के निशान के ऊपर है। टांडा और आलापुर तहसील क्षेत्र के तटीय प्रभावित गांवों में आबादी के बीच बाढ़ का खतरा बरकरार है। टांडा संसू के मुताबिक नदी के जलस्तर में गत गुरुवार के सापेक्ष शुक्रवार को सात सेंटीमीटर का गिरावट दर्ज हुई। सुबह दो बजे रिकार्ड हुए जलस्तर में नदी खतरे के निशान 92.730 मीटर से 16 सेंटीमीटर ऊपर 92.890 मीटर पर है। तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा अभी बरकरार है। फसलें जलमग्न और पशुओं के चारे संकट खड़ा है। टांडा एसडीएम अभिषेक पाठक व आलापुर के एसडीएम धीरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रभावित गांवों में बाढ़ चौकियों को सतर्क किया है। टांडा तहसील के मांझा उल्टहवा गांव का दिलशेर पुरवा में बाढ़ का पानी बरकरार है। जालिम पुरवा, मांझा कला, गांगापुर आदि गांव प्रभावित हैं। आलापुर तहसील के अराजी देवारा, मांझा कम्हरिया, करिया लोनिया पुरवा, साबितपुर देवारा के पास बाढ़ का खतरा बना है।
-सुबह हुई बारिश और दिनभर बदली : शुक्रवार की सुबह से काले बादलों ने डेरा डाला है। बारिश के आसार बने हैं। हालांकि सुबह से दोपहर के बीच शहर से गांव तक छिटपुट स्थानों पर तेज व धीमी बारिश हुई। तापमान में गिरावट होने से जनजीवन राहत महसूस कर रहा है। जिले का तापमान अधिकतम 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग ने आगामी सप्ताह बादलों की आवाजाही एवं रोजाना बारिश होने का अनुमान लगाया है। वहीं दोपहर बाद बदली छाई रही लेकिन उमस ने पांव पसार लिया। जलभराव की समस्या सिमटी है, लेकिन कीचड़ की समस्या बरकरार है।