रोडवेज बसों से यात्रियों को ढोने में टूट रहे नियम-कानून

कोविड-19 की श्रृंखला तोड़ने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास में जुटी है। इसके लिए तमाम जतन किए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:14 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:14 PM (IST)
रोडवेज बसों से यात्रियों को ढोने में टूट रहे नियम-कानून
रोडवेज बसों से यात्रियों को ढोने में टूट रहे नियम-कानून

अंबेडकरनगर: कोविड-19 की श्रृंखला तोड़ने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास में जुटी है। इसके लिए तमाम जतन किए जा रहे हैं। रोडवेज बसों में क्षमता से आधी सवारियां ही बैठाने का आदेश है, ताकि शारीरिक दूरी का पालन होता रहे, लेकिन इसका पालन नहीं हो पा रहा है। लोग अपने गंतव्य तक शीघ्र पहुंचने के चक्कर में जगह न होने के बावजूद जबरन बस पर सवार हो रहे हैं। मना करने पर लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो रहे हैं। सोमवार को रोडवेज परिसर में लखनऊ जाने वाली बस को कर्मचारी सैनिटाइज करने में जुटा था। कई यात्री सैनिटाइजेशन के दौरान ही बस में चढ़ने लगे। कर्मचारी ने इसका विरोध कर उन्हें नीचे उतार दिया। इस पर यात्री नाराज हो गए।

रविवार को लगने वाले साप्ताहिक क‌र्फ्यू के दिन 50 फीसद जबकि अन्य दिनों में बस की सीट की क्षमता के अनुरूप सवारियों को बैठाने का आदेश है, लेकिन यात्री इसका पालन नहीं कर रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में डिपो की 41 बसें चली गई हैं। बसों की कमी के चलते यात्री नियमों का उल्लंघन कर सवार हो रहे हैं। उनको संक्रमण का जरा भी डर नहीं है। यहां तक कि मना करने पर कंडक्टर और ड्राइवर से झगड़े पर उतारू हो जाते हैं।

निगम को लगेगा लाखों का चूना : साप्ताहिक क‌र्फ्यू परिवहन निगम के लिए खासा परेशानी भरा साबित होगा। इससे रोडवेज को लाखों का फटका लगेगा। क‌र्फ्यू वाले दिन 50 प्रतिशत यात्रियों के साथ बसों का आवागमन जारी रखने का निर्देश शासन ने दिया है, लेकिन क‌र्फ्यू के चलते इस दिन सवारियों की भारी कमी रहती है। हालात यह कि निर्धारित समय पर चलने वाली बसों को यात्रियों की कमी से स्थगित करना पड़ रहा है। रोडवेज अधिकारियों के मुताबिक बसों में इन दिनों बामुश्किल 15 से 20 प्रतिशत ही यात्री मिल पाते हैं। ----------

बसों की कमी के चलते यात्री निमयों का पालन नहीं करने दे रहे हैं। कई बसों में तो मारपीट की नौबत आ चुकी है। यात्रियों को अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में पहले सोचना होगा।

सत्य नारायण चौधरी, एआरएम

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