करोड़ों का सरकारी चावल दबाए बैठीं मिलें, अब होगा सत्यापन

गेहूं बेचने के महीनों बाद भी सैकड़ों किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:51 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:51 PM (IST)
करोड़ों का सरकारी चावल दबाए बैठीं मिलें, अब होगा सत्यापन
करोड़ों का सरकारी चावल दबाए बैठीं मिलें, अब होगा सत्यापन

अंबेडकरनगर: गेहूं बेचने के महीनों बाद भी सैकड़ों किसानों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है कि इसी बीच बीते वर्ष धान खरीद में अधिकारियों एवं राइस मिलों की साठगांठ का जिन्न बाहर आ गया है। पीसीएफ ने छह करोड़ 10 लाख रुपये का सरकारी चावल दबा रखा है। छानबीन शुरू हुई तो पीसीएफ प्रबंधक ने इसका ठीकरा मिल संचालकों पर फोड़ दिया।

जिलाधिकारी ने मिलों के सत्यापन के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अब शासन स्तर से रिपोर्ट मांगी गई है तो एडीएम ने दो दिन में सत्यापन पूर्ण करने का निर्देश दिया है। जिन राइस मिलों पर सीएमआर (कस्टम मिलिग राइस) बकाया है, वे पहले से ब्लैकलिस्ट में शामिल रही हैं। कइयों पर मुकदमा भी दर्ज है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि इन दागी मिलों को विभाग से कैसे संबद्ध कर दिया गया।

इन राइस मिलों पर बकाया है सीएमआर: सीमा राइस मिल पर 3419.43 क्विंटल, देवधाम चावल उद्योग पर 9822.34 क्विंटल, महावीर फूड प्रोडक्ट पर 2765.38 क्विंटल, राम अवध चावल उद्योग पर 3502.24 क्विंटल, आरएस चावल उद्योग पर 141.34 क्विंटल, मीसम इंडस्ट्रीज पर 461.63 क्विंटल, एसएन इंडस्ट्रीज पर 21.43 क्विंटल, पाकीजा फूड प्रोडक्ट पर 838.76 क्विंटल, पटेल राइस मिल पर 1168.70 क्विटल, साईं बाबा इंटरप्राइजेज पर 136.65 क्विंटल, अश्वनी राइस मिल पर 1805.54 क्विटल, ओम भोले राइस मिल पर 262.75 क्विंटल तथा एमआर उद्योग पर 71.44 क्विंटल चावल बकाया है। इसी तरह खाद्य विभाग का भी आठ मिलों पर 2514.68 क्विंटल बकाया है। इसमें ग्लांस केयर प्राइवेट लिमिटेड, विकास राइस मिल, निधि इंडस्ट्रीज, विध्यवासिनी फूड, संजय चावल उद्योग, चौहान राइस मिल तथा अकबरपुर की राम कृष्ण राइस इंडस्ट्रीज पर बकाया है।

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सत्यापन के लिए बनी टीम : विभाग में सुगबुगाहट है कि मिल संचालकों के पास बकाया जरूर है, लेकिन मिलों पर चावल नहीं है। ऐसे में इसका सत्यापन करने के लिए जिलाधिकारी सैमुअल पॉल एन ने संबंधित तहसील के एसडीएम, पीसीएफ प्रबंधक तथा क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को जिम्मेदारी दी है।

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सत्यापन के आदेश के बाद भी देरी की जा रही थी। अब शासन स्तर से इसकी रिपोर्ट मांगी जा रही है, इसलिए दोबारा निर्देश दिया गया है कि संबंधित टीम दो दिन में सत्यापन पूर्ण कर रिपोर्ट दे। बकाया नहीं मिलेगा तो दोषी राइस मिलों पर कार्रवाई की जाएगी।

डा. पंकज कुमार वर्मा, अपर जिलाधिकारी

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