धनुष टूटने पर क्रोधित हुए परशुराम
अंबेडकरनगर : भीटी कस्बे में चल रही रामलीला के तीसरे दिन सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संव
अंबेडकरनगर : भीटी कस्बे में चल रही रामलीला के तीसरे दिन सीता स्वयंवर, परशुराम-लक्ष्मण संवाद का मंचन कलाकारों ने किया। स्वयंवर में विभिन्न राज्यों के राजा पहुंचते हैं। शिव धनुष उठाने का प्रयास किया, लेकिन उसे हिला तक न सके। गुरु महर्षि विश्वामित्र की आज्ञा पर भगवान श्रीराम ने शिव धनुष को उठाया। उन्होंने प्रत्यंचा चढ़ाया तो धनुष दो टुकड़ों में हो गया। इसके बाद सीताजी ने राम के गले में जयमाल डाला।
धनुष टूटने पर भगवान परशुराम क्रोधित हो गए। परशुराम-लक्ष्मण संवाद होता है। लक्ष्मण को मारने के लिए परशुराम फरसा उठा लेते हैं। यह देख भगवान राम विनम्र शब्दों में उनसे आग्रह कर समझाते हैं। परशुराम को जब यह पता चलता है कि श्रीराम स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं तो उनका क्रोध शांत हो जाता है। आयोजक मंडल के मोहम्मद जुनैद (सोनू), सियाराम मोदनवाल, रामजी मोदनवाल, सुनील कुमार गुप्त, संजय तिवारी, मनीष बारी, वीरेंद्र अग्रहरि, अफजल, समीर, पवन गुप्त, प्रदीप गुप्त, घनश्याम मोदनवाल, दुर्गेश, वैभव दुबे, राम गनेश शर्मा, कृष्णा चौरसिया, अजीत दुबे, पप्पू शर्मा ने सहयोग किया।