गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे से मांगा 17 करोड़ का हर्जाना

अंबेडकरनगर गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे की पटाई के लिए कम्हरिया घाट में मनमाने ढंग से नदी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:58 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:58 PM (IST)
गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे से मांगा 17 करोड़ का हर्जाना
गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे से मांगा 17 करोड़ का हर्जाना

अंबेडकरनगर: गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे की पटाई के लिए कम्हरिया घाट में मनमाने ढंग से नदी-नालों में किए गए अवैध खनन के एवज में प्रशासन ने निर्माण इकाइयों से 17 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। इसके लिए नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन की जांच में कई लाख घन मीटर अवैध रेत खनन का मामला सामने आया है।

आलापुर तहसील के कम्हरिया आदि गांवों से होकर गुजर रहे गोरखपुर लिक एक्सप्रेस-वे निर्माण में मिट्टी पटाई का कार्य चल रहा है। इसकी आपूर्ति के लिए निर्माण एजेंसियां मनमाने ढंग से जगह-जगह मिट्टी खनन तो कर ही रही हैं, साथ ही इसमें सफेद बालू भी खपाई जा रही है। सफेद बालू के काले कारोबार से जुड़े क्षेत्रीय खनन माफिया का सहारा लेकर पोकलैंड मशीनों तथा डंपरों के जरिए मांझा कम्हरिया में घाघरा नदी की तलहटी को खोखला करने का सिलसिला जारी है। एक्सप्रेस-वे निर्माण में खपाई जा रही बालू की आड़ में यहां खनन माफिया बड़े पैमाने पर बालू का अवैध कारोबार भी चल रहे हैं। दैनिक जागरण में इससे जुड़ी खबरें लगातार प्रकाशित होती रहीं। इसका संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने जिम्मेदारों पर शिकंजा कसते हुए जांच का निर्देश दिया था।

आलापुर तहसीलदार आलोक रंजन सिंह के नेतृत्व में राजस्व कर्मियों की तीन टीमों ने खनन स्थलों की जांच की थी। नापजोख कर खनन क्षेत्र की पड़ताल की गई। जांच में निर्माण एजेंसी एपको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड पता ग्राम नकौड़ी, खजनी गोरखपुर को एक लाख 55 हजार 600 घन मीटर सफेद बालू तथा छह हजार 832 घन मीटर नियम विरुद्ध मिट्टी खनन का दोषी पाया गया। दूसरी निर्माण एजेंसी दिलीप बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड कार्यालय चूना भट्ठी, कोलार रोड भोपाल तथा वर्तमान पता मनदोही, मदिया पार अतरौलिया आजमगढ़ को चार लाख 50 हजार 500 घन मीटर सफेद बालू खनन के लिए जिम्मेदार पाया गया। जांच टीम की रिपोर्ट के बाद एडीएम डॉ. पंकज वर्मा ने दोनों निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर जवाब मांगा था। जांच में निर्माण एजेंसियों द्वारा करोड़ों के सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने की बात सामने आई है। अब इसकी भरपाई के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने नोटिस जारी कर दोनों निर्माण एजेंसियों से 17 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है। समय से जुर्माना न अदा करने पर इन्हें कार्य से रोके जाने के साथ ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है।

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