अवैध निर्मित होटलों पर कार्रवाई की तैयारी

सरकारी सिस्टम से साठगांठ कर अवैध होटलों का धंधा तेजी से फलफूल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:18 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:18 PM (IST)
अवैध निर्मित होटलों पर कार्रवाई की तैयारी
अवैध निर्मित होटलों पर कार्रवाई की तैयारी

अंबेडकरनगर: सरकारी सिस्टम से साठगांठ कर अवैध होटलों का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। जिले के 45 बड़े होटलों-गेस्ट हाउसों में छह को छोड़ बाकी सभी अवैध हैं। अकेले अकबरपुर-शहजादपुर में 25 से अधिक होटल गैरकानूनी ढंग से चल रहे हैं। इसी तरह टांडा में आठ और जलालपुर में छह होटल व मैरिज हाल अवैध पाए गए हैं। प्रशासन ने इस सभी के खिलाफ नोटिस जारी किया है। चौंकाने वाली यह सच्चाई सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में जिला प्रशासन की तरफ से सामने आई है।

अकबरपुर तहसील के बहोरिकपुर निवासी एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत जिलाधिकारी कार्यालय को पत्र भेजकर पूरे जिले में चल रहे बड़े होटलों-रेस्टोरेंट और मैरिज हाल के बारे में जानकारी मांगी थी। हाल में एडीएम की तरफ से उपलब्ध कराई गई जनसूचना में बताया गया कि पूरे जिले में कुल 45 होटल-गेस्ट हाउस आदि संचालित हैं, इनमें से जिला मुख्यालय स्थित होटल विनायक ग्रांड, अविरल, खजुराहो, होटल पंडित, शिवा गेस्ट हाउस और साईं प्लाजा ने ही पंजीकरण कराया है, जबकि 25 अन्य होटल अवैध तरीके से चल रहे हैं। टांडा और जलालपुर में 14 होटल बिना पंजीकरण के चल रहे हैं।

सुरक्षा से खिलवाड़ के साथ राजस्व को लगा रहे चूना: किसी भी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का पंजीकरण कराने के लिए फायर ब्रिगेड सहित अन्य विभागों से एनओसी लेनी होती है। एनओसी देने से पहले संबंधित विभाग सुरक्षा एवं बचाव से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर जरूरी सुविधाएं परखते हैं। इसके बाद ही एनओसी जारी की जाती है। यानि, अपंजीकृत व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा के लिए जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं या नहीं, निश्चित रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता। वहीं प्राकृतिक संसाधनों का व्यावसायिक इस्तेमाल करने के एवज में इन्हें सरकार को एक निश्चित रकम भी चुकानी पड़ती है। जानकारों का कहना है कि विभिन्न कर देने से बचने के लिए व्यवसायी रजिस्ट्रेशन कराने से कन्नी काटते हैं।

अकबरपुर में चलने वाले ये होटल अवैध: मयूर रिसार्ट, मंगलम गेस्ट हाउस, नारायण गेस्ट हाउस, पठान लाज, संजर गेस्ट हाउस, ग्लोबल लाज, नीलगिरी गेस्ट हाउस, आशीर्वाद गेस्ट हाउस, बजरंग गेस्ट हाउस, अपना गेस्ट हाउस, लकी गेस्ट हाउस, साकेत होटल, रायल होटल, गीता पैलेस, वेलकम लाज, बालाजी गेस्ट हाउस सहित 25 होटलों ने पंजीकरण नहीं कराया है।

जानकारी देने में भी गड़बड़झाला: सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जनसूचना में प्रशासन ने वैध-अवैध होटलों की जो सूची दी है, उसमें कई का जिक्र ही नहीं है। मसलन, तहसील तिराहा स्थित स्वप्निल होटल, रोडवेज स्थित जगमोहन गेस्ट हाउस, शहजादपुर रोड स्थित शांति पैलेस, इल्तिफातगंज रोड स्थित बख्तावर होटल आदि वैध हैं या अवैध, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में अधूरी जानकारी देने को लेकर प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।

सुरक्षा और कर वसूली की ²ष्टि से होटलों का पंजीकरण अनिवार्य है। नियम-कानून से खिलवाड़ करने की इजाजत किसी को नहीं है। इसका उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

डा. पंकज वर्मा, एडीएम

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