पीसीएफ व ठेकेदार में तकरार से समितियों पर उर्वरक का संकट

निर्धारित दर से कम भाड़ा देने पर साधन सहकारी समितियों को उर्वरक आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:35 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:35 PM (IST)
पीसीएफ व ठेकेदार में तकरार से समितियों पर उर्वरक का संकट
पीसीएफ व ठेकेदार में तकरार से समितियों पर उर्वरक का संकट

अंबेडकरनगर : निर्धारित दर से कम भाड़ा देने पर साधन सहकारी समितियों को उर्वरक आपूर्ति करने के लिए ट्रांसपोर्टर ने हाथ खड़ा कर लिया है। इस बावत शपथपत्र सहित पत्र पीसीएफ प्रबंधक को लिखित रूप से सौंपा है। इससे धान की रोपाई के सीजन में समितियों पर उर्वरक का अकाल पड़ गया है। दोनों के विवाद में परेशान किसान हाशिये पर आ गया है।

जिले की कुल 92 समितियों को उर्वरक आपूर्ति के लिए अयोध्या की गंगारथी ट्रांसपोर्ट कंपनी के पक्ष में वर्ष 2017 में टेंडर हुआ था। तत्समय जिलाधिकारी ने रेट 85 रुपये 98 पैसे तय किया था। उस समय डीजल का रेट 55 रुपये प्रति लीटर था। इसी रेट पर ट्रांसपोर्टर द्वारा ढुलाई का काम किया जा रहा था। इसके बाद डीजल का दाम लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में ट्रांसपोर्टर सीमा गुप्ता द्वारा लगातार भाड़ा बढ़ाने की मांग पीसीएफ प्रबंधक से की जा रही है। बीच-बीच में उन्हें मौखिक आश्वासन देकर काम लिया जाता रहा, लेकिन कोई स्थायी निदान नहीं हो सका। इस पर ट्रांसपोर्टर ने गत पांच जून को शपथपत्र देकर ढुलाई से हाथ खड़ा कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा रेट बढ़ाने के बावजूद उन्हें बढ़ा भाड़ा देने में पीसीएफ प्रबंधक द्वारा आनाकानी की जा रही है। आरोप है कि दूसरी संस्था इफ्को को बढ़े रेट पर भाड़ा देकर पक्षपात किया जा रहा है। पीसीएफ पर रकम दबाने का आरोप: ट्रांसपोर्टर सीमा गुप्ता के मुताबिक ढुलाई का 20 लाख रुपये पीसीएफ पहले से ही दबाए बैठा है। रेट तय होने के बाद भी उन्हें बढ़ी दर पर भाड़ा नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति बन गई है। इससे वह कम रेट पर आगे काम करने में असमर्थ हैं। भाड़े का मामला ट्रांसपोर्टर व पीसीएफ के बीच का है। कोई शिकायत मेरे संज्ञान में नहीं है। शीघ्र ही विवाद सुलझा लिया जाएगा। समितियों पर उर्वरक आपूर्ति में कोई भी बाधा नहीं आने पाएगी।

प्रवीण कुमार, उपनिबंधक

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