दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालयों में रैंप और शौचालय नहीं

ऑपरेशन कायाकल्प से भी दिव्यांग बचों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी। जिले में 1352 प्राथमिक और 520 उच प्राथमिक विद्यालय हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 11:44 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 05:11 AM (IST)
दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालयों में रैंप और शौचालय नहीं
दिव्यांग बच्चों के लिए विद्यालयों में रैंप और शौचालय नहीं

अंबेडकरनगर : परिषदीय विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सुलभ शौचालय और रैंप का इंतजाम नहीं है। ऑपरेशन कायाकल्प में भी दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं उपलब्ध हो सकी है। खास बात यह कि जनपद के किसी भी विद्यालय में यह सुविधा नहीं है।

जिले में प्राथमिक 1352 तथा उच्च प्राथमिक 520 विद्यालय हैं। ऐसे में दिव्यांग बच्चों को नित्यक्रिया के लिए जरूरत पड़ने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में शिक्षक भी खुद को असहाय महसूस करते हैं। वहीं, परिषदीय विद्यालयों के उच्चीकरण व साज-सज्जा पर सरकारें करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं। इस धनराशि से भवन, खिड़की, दरवाजे, चारदीवारी, फर्श, गेट, टाइल्स, रंगाई-पुताई, फर्नीचर, विद्युतीकरण, शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि का निर्माण तथा मरम्मत का कार्य किया जाता है। लेकिन, जिले के किसी भी विद्यालय में दिव्यांग बच्चों के लिए शौचालय नहीं है। दरअसल, निर्मित शौचालयों में दिव्यांग बच्चों के पहुंचने के लिए रैंप नहीं बन सके हैं। पहले इसके लिए धन विभाग के खाते में आता था लेकिन, अब यह धनराशि ग्राम पंचायतों के खाते में भेजी जा रही है। कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता, निर्माण कार्य और साज-सज्जा की जिम्मेदारी अब ग्राम पंचायतों के जिम्मे है।

सीडीओ ने दी चेतावनी : जिला मुख्यालय पर सीडीओ की अध्यक्षता में खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक गत सप्ताह हुई। इसमें विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सुलभ शौचालय तथा रैंप न होने के मुद्दे पर चर्चा की गई। सीडीओ ने खंड शिक्षा अधिकारियों को कायाकल्प योजना के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए अनिवार्य रूप से शौचालय तथा रैंप बनवाने का निर्देश दिया था। साथ ही कायाकल्प योजना के तहत कराए जा रहे कार्यो की दैनिक समीक्षा व रिपोर्ट देने को कहा है।

भीटी खंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र नाथ द्विवेदी ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत आई धनराशि से विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों के लिए सुलभ शौचालय तथा रैंप बनवाना प्राथमिकता है। प्रधानाध्यापकों को ग्राम प्रधानों से संपर्क कर निर्माण कराने का निर्देश दिया गया है। कुछ विद्यालयों में निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है।

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