बढ़े मच्छरजनित रोग, निकाय नहीं करा रहा फागिग
मलेरिया और बुखार के रोगियों से अस्पताल भरे हैं लेकिन नगर पालिका प्रशासन नहीं चेत रहा है।
अंबेडकरनगर : मलेरिया और बुखार के रोगियों से अस्पताल भरे हैं, लेकिन जिला मुख्यालय पर नगर पालिका में फागिग नहीं कराई गई। यहां न तो कूड़ा समय पर उठ रहा है और न ही फागिग हो रही है। चौड़ी सड़कों पर तो फागिग कभी-कभार होती नजर आ जाएगी, लेकिन गलियों में झांकने वाला कोई नहीं है, जबकि असली मुश्किल तो गलियों में रहने वालों को झेलनी पड़ रही हैं।
मच्छरों से निपटने के लिए निकाय की लचर कार्यप्रणाली से शहर के विभिन्न इलाके के लोगों में खासी नाराजगी है। यहां तक कि सभासद खुद नगर पालिका पर फागिग कराने में लापरवाही बरतने की बात स्वीकार करते हैं। नगर पालिका अकबरपुर में 25 वार्ड हैं। इनकी कुल आबादी करीब डेढ़ लाख पहुंच चुकी है। मच्छरों से बचाव के लिए लाखों की लागत से खरीदी गई फागिग मशीनें महज शोपीस बनी हैं, जबकि आम आदमी मच्छरों का दंश झेल रहा है। शहजादपुर से सभासद ललित श्रीवास्तव ने बताया कि इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से मच्छर जनित रोगों में इजाफा हुआ है। इसके बावजूद निकाय प्रशासन वार्डों में फागिग नहीं करा रहा है।
बोले नागरिक :
मुहल्ले में खाली प्लाटों में बरसात का पानी भर गया है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। नगर पालिका के कर्मचारी न तो कीटनाशक का छिड़काव करा रहे हैं न साफ-सफाई। पिछले छह माह में मुहल्ले में एक बार भी फागिग नहीं कराई गई है। इसके चलते मच्छरों में इजाफा हुआ है। रात तो छोड़िए दिन में भी मच्छरों का प्रकोप रहता है।
रत्नेश त्रिपाठी, शास्त्रीनगर
जब से कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ है, तब से मलेरिया और डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। यह सब नगर पालिका की लापरवाही के चलते हो रहा है। करीब नौ माह में एक या दो बार ही मुहल्ले में फागिग का कार्य कराया गया है। रात में यदि मच्छरदानी लगाना भूल गए तो दूसरे दिन बीमार होना तय है।
रोहित कन्नौजिया, औलियापुर नगर पालिका फागिग और कीटनाशक के छिड़काव के नाम पर हर साल लाखों का बजट खपाने का दावा करती है, जबकि मुहल्ले की नालियों के अलावा बसखारी मार्ग के दोनों छोर पर स्थित नालों में भी कीटनाशक के छिड़काव के साथ फागिग निकाय प्रशासन नहीं करवा रहा है।
जितेंद्र कुमार, राबीबहाउद्दीनपुर