मां सिद्धिदात्री की पूजा कर मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

घरों में विधि-विधान से हवन-पूजन कर कन्याओं को कराया गया भोजन दिया दान-दक्षिणा रामनवमी पर शोभायात्रा निकालने के बजाय श्रद्धालुओं ने घरों में की पूजा-अर्चना

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 10:02 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 10:02 PM (IST)
मां सिद्धिदात्री की पूजा कर मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद
मां सिद्धिदात्री की पूजा कर मांगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

अंबेडकरनगर: नवरात्र के समापन पर बुधवार को श्रद्धालुओं ने घरों में विधि-विधान से हवन-पूजन कर कन्याओं को भोजन कराया और उन्हें दान-दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लिया। प्रमुख मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना की। हालांकि कोरोना के खतरों के चलते मंदिरों में भक्तों की उपस्थिति कम रही।

नौ दिनों की पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने घरों पर हवन-पूजन कराया। जो सुबह से शाम तक चलता रहा। शंख की गूंज और 'जय माता दी' के जयकारों से गांव-मुहल्ले गुंजायमान रहे। इससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। घर-घर पुष्प वर्षा कर लोगों ने मां दुर्गा को विदाई दी और उनकी आरती कर प्रसाद ग्रहण किया। मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालुओं ने कोरोना संबंधी गाइडलाइन का पालन करते हुए मां दुर्गा के दर्शन किए। वहीं, प्रशासन की रोक के चलते रामनवमी पर कोई कार्यक्रम नहीं आयोजित किए गए। श्रद्धालुओं ने घरों में ही रहते हुए भगवान राम की पूजा कर ब्राह्माणों को दान आदि दिया।

जलालपुर : क्षेत्र के कुलहिया पट्टी गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्रीमद भगवती पुराण कथा ज्ञान के समापन से पहले आचार्य कृपाशंकर महाराज ने बताया कि माता दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। पूजा से जहां मन को शांति वहीं धन वैभव, इज्जत, शोहरत में वृद्धि होती है, लेकिन यज्ञ से प्रकट हुए अग्नि देवता और चारों दिशा में फैल रहा यज्ञ रूपी धुआं पूरे वातावरण को शुद्ध कर देता है। वातावरण में जीवन के लिए घातक जीवाणु, विषाणु को हवन से निकला सुगंधित धुआं निष्क्रिय कर देता है। सुरहुरपुर स्थित दुर्गा मंदिर समेत क्षेत्र के सभी मंदिरों पर एक-एक कर श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और लोक कल्याण की कामना की।

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