मातृत्व वंदना संवार रही गरीब एनीमिक महिलाओं की जिदगी
पहली बार मां बनने पर तीन किस्त में पांच हजार रुपये मिलेंगे। इसी क्रम में 23 मार्च से 23 सितंबर तक 1488 पात्रों को लाभ मिला।
अंबेडकरनगर : आर्थिक कमजोरी से गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार और समय पर जांच कराने में नि:सहाय महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना दो वर्षों में 16 हजार महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई। गांवों में तैनात आशा और एएनएम ने खून की कमी से जूझ रही महिलाओं को चिह्नित कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर पंजीयन कराकर नियमित टीकाकरण, पौष्टिक आहार जैसी सुविधाएं प्रदान कर उनके बच्चे ही नहीं उनके जीवन को भी संवारा है। आर्थिक मदद से गरीब परिवार की महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान मजदूरी करने से मुक्ति मिलती है।
लाभ मिलने की खुशी : जलालपुर ब्लॉक की प्रभावती ने बताया कि उनकी बहू सुशीला को इस योजना से लाभ मिला। आशा बहू महिमा सिंह ने घर पर देखकर बताया कि बहू काफी कमजोर है। इलाज और जांच की जरूरत बताई। प्रभावती ने आर्थिक परेशानी बयां की तो आशा ने योजना की जानकारी दी। फिर वहां से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नगपुर लेकर पहुंचीं और जांच में खून की कमी का पाता चला। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से मिलकर पौष्टिक आहार आशा बहू ने दिलाया। पांच माह बाद बहू ने स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया।
डीपीएम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को तीन किस्त में पांच हजार रुपये मिलता है। इसमें पौष्टिक आहार, मजदूरी न करके आराम करने आदि सुविधाओं का प्रावधान है। दो वर्ष में इस योजना के तहत लगभग 16 हजार महिलाएं लाभांवित हुईं हैं। जबकि इस वर्ष मार्च से 23 जुलाई तक 1488 पात्रों को योजना का लाभ मिला है।