सरकार के गड्ढामुक्त सड़कों के दावों की पोल खोल रही वाहनों की रफ्तार
सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का सरकार का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है सड़कों पर गड्ढों से राहगीर परेशान हो रहे हैं।
अंबेडकरनगर: सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने का सरकार का दावा हवा-हवाई साबित हो रहा है। जिला मुख्यालय से ग्रामीणांचल तक के मार्गों की हालत खस्ता है। कहीं कदम-कदम पर गड्ढे हैं तो कहीं गिट्टियां उखड़कर गायब हो गई हैं। हालात यह है कि घंटेभर की दूरी करने में दो-तीन गुना समय लग रहा है। इससे ईंधन की बर्बादी के साथ वक्त भी जाया हो रहा है। वाहनों को नुकसान अलग से हो रहा है।
गांवों और कस्बों को शहर से जोड़ने के लिए सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सड़कों के निर्माण में लगी है, लेकिन इसकी खराब गुणवत्ता से लोगों को समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। बनने के सालभर के भीतर सड़कें उखड़ जा रही हैं। जिला मुख्यालय पर बसखारी मार्ग से जौहरडीह संपर्क मार्ग की लंबाई करीब तीन किलोमीटर है। इसका निर्माण वर्ष 2016-17 में 23 लाख की लागत से कराया गया था। अब यह सड़क गड्ढों में तब्दील है। रात में पैदल चलना भी मुश्किल है। आए दिन दुर्घटनाओं में राहगीर चोटिल हो रहे हैं। सभासद निक्कू प्रजापति ने बताया कि कई बार शिकायत के बाद भी सड़क का निर्माण नहीं कराया जा रहा है। तमसा मार्ग की लंबाई करीब ढाई किलोमीटर है। इस सड़क का निर्माण वर्ष 2016 में कराया गया था, जो कि अब जर्जर हो चुकी है। इस मार्ग पर कई स्कूलों के संचालन के साथ ही सुल्तानपुर जनपद जाने का यह लिक मार्ग भी है। स्थानीय निवासी रवींद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार सड़क की मरम्मत की गुहार लगाई गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
सम्मनपुर: बरियावन से पट्टी तक की सड़क सिर्फ नाम के लिए रह गई है। इसमें अनगिनत गड्ढे हैं। जगह-जगह टूटकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। बारिश के दिनों में मुसीबत और बढ़ जाती है। गड्ढों में पानी भर जाने से राहगीर इसमें फंसकर चोटिल हो रहे हैं। लोक निर्माण विभाग भी किसी बड़ी घटना के इंतजार में है। यह सड़क सरकार के गड्ढामुक्त योजना की पोल खोलने के लिए काफी है। यह हाल तब है जब जलालपुर, अकबरपुर, सुरहुरपुर से शाहगंज तक जाने के लिए यही मुख्य सड़क है। क्षेत्रीय लोगों ने पीडब्ल्यूडी से इसकी मरम्मत कराने की मांग की है।
भीटी: कटेहरी बाजार से अशरफपुर बरवां को जोड़ने वाली करीब सात किलोमीटर लंबी सड़क की हालत यह है कि इस पर पैदल चलना भी खतरे से खाली नहीं है। करीब डेढ़ साल पहले लाखों की लागत से इसकी मरम्मत कराई गई थी, लेकिन बारिश के बाद यह पूरी तरह टूट गई। पिलखावां से बरवां तक कदम-कदम पर गड्ढे हैं। मालीपुर: नगपुर-मालीपुर मार्ग पर चौड़ीकरण कार्य के चलते इस पर आवागमन मुश्किल है। सेठाकला से सुरहुरपुर, नेवादा से फुलवरिया, मंगुराडिला से नेवरी, नेशनल हाईवे बिहलोलपुर से खजुरी करौंदी बाजार तक की सड़कों के गड्ढे गिनना मुश्किल है। सुरहुरपुर बाजार की सड़क की भी यही दशा है। यही हाल कुलहिया पट्टी से भदोई, रुधौली माफी से जाफरपुर मार्ग का भी है।
जौहरडीह और तमसा मार्ग की सड़क की कार्ययोजना बनाकर शासन को भेजी गई है। मंजूरी मिलते ही सड़क की मरम्मत कराई जाएगी।
शंकर्षण लाल, अधिशासी अभियंता
लोक निर्माण विभाग