डांवाडोल आर्थिक हालात और महंगाई ने बिगाड़ा करवा चौथ का बजट
कोरोना काल में ठप व्यापारिक गतिविधियों का असर अब सीधा करवा चौथ व्रत पर भी पड़ने वाला है।
अंबेडकरनगर: कोरोना काल में ठप व्यापारिक गतिविधियों का असर अब सीधा करवा चौथ व्रत पर भी दिख रहा है। खासकर मध्यमवर्गीय परिवार मुसीबत में है। कोरोना काल में बहुतों की नौकरी जाने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। वह अब भी उबर नहीं पाए हैं, ऐसे में करवाचौथ व्रत के लिए खरीदारी में उनकी मजबूरी सतह पर आ रही है।
करवा चौथ को मात्र तीन दिन रह गए हैं। इस मौके पर हर पति उपहार भेंट करता है, लेकिन महंगाई और आर्थिक हालात गड़बड़ाने से इसमें दिक्कत आ रही है। सोना, चांदी, कपड़ा तथा अन्य जरूरत के सामान 50 फीसद महंगे दाम पर बिक रहे हैं। ऐसे में छोटी आमदनी के लोग इसे खरीदने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पत्नी को करवा चौथ देने के लिए परेशान नजर आ रहे हैं।
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लाकडाउन में दुकान बंद हो गई थी। जमा पूंजी से परिवार का खर्चा चलाया। अब स्थिति सामान्य है। दुकान खुल रही है, लेकिन महंगाई से बजट बिगड़ गया है। ऐसे में पत्नी को उपहार देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
-रवि अग्रहरि, दुकानदार
सोना-चांदी के दाम आसमान छू रहे हैं। ऊपर से आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है। हर बार पत्नी को करवा चौथ पर बड़ा उपहार देते थे, लेकिन इस बार महंगाई ने बेबस कर दिया है।
-राहुल वर्मा कोरोना काल में विद्यालय बंद होने से मानदेय नहीं मिला। जमा पूंजी लाकडाउन में खत्म हो गई है। अब विद्यालय जरूर खुल गए हैं, लेकिन घर की स्थिति सुधर नहीं पा रही है। ऐसे में कोई उपहार देने के बजाय वैसे ही व्रत रखा जाएगा।
-अमरचंद, प्राइवेट शिक्षक हर बार व्रत के दिन पति से बड़ा उपहार मिलता था, लेकिन इस बार महंगाई के चलते बजट गड़बड़ा गया है। पति प्राइवेट कंपनी में फाइनेंस का काम करते हैं। जमा पूंजी पहले ही खर्च हो गई है। इस बार करवा चौथ का व्रत वैसे ही मनाया जाएगा।
-पूनम प्रजापति, गृहिणी