जहां हक है वहीं अली हैं : शुजा हैदर
अंबेडकरनगर : अली कुरान के साथ हैं कुरान अली के साथ हैं। कुरान में 'बे' का नुक्ता जब फै
अंबेडकरनगर : अली कुरान के साथ हैं कुरान अली के साथ हैं। कुरान में 'बे' का नुक्ता जब फैलता है तो कुरान बनता है और जब सिमटता है तो अली बनता है। जहां अली हैं, वहां हक है जहां हक है वहां अली हैं। हक और अली एक सिक्के के दो पहलू हैं। यह बात मौलाना शुजा हैदर जैदी ने मीरानपुर में मीसम अली द्वारा आयोजित मरहूम मोहम्मद मूनिस वल्द मोहम्मद यूनुस के इसाल-ए-सवाब के लिए आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए यह बात कहीं। मौलाना ने कहा कि मौला अली को जैसी नींद शबे हिजरत में आई वैसे नींद कभी नहीं आई, यह मौला अली का ही फरमान है। हजरत अमीरूल मोमिनीन का कथन है कभी भी राहे हक में कम संख्या की वजह से खौफ न खाना। रसूल अल्लाह एक बार परवरदिगार से अली, फातिमा, हसन व हुसैन के बारे में कहा- ऐ खुदा! यकीनन यह मेरे अहलेबैत हैं, मेरे खास लोग, और मेरे हामी हैं। इनका खून मेरा खून है। जो इन्हें सताए वो मुझे सताता है। माहिर मिर्•ा, दानिश अली, इमरान आदि ने पेशख्वानी और मीसम अकबरपुरी ने नौहाख्वानी किया।