मेडिकल कालेज में पर्ची कटाने में ही पस्त हो रहे मरीज-तीमारदार

275 सफाईकर्मी तैनात फिर भी सीढि़यों व गलियारों में गंदगी की भरमार

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 11:57 PM (IST)
मेडिकल कालेज में पर्ची कटाने में ही पस्त हो रहे मरीज-तीमारदार
मेडिकल कालेज में पर्ची कटाने में ही पस्त हो रहे मरीज-तीमारदार

अंबेडकरनगर: महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कालेज सद्दरपुर में इलाज करा पाना आसान नहीं है। यहां सबसे पहले पर्ची कटवाने के लिए ही जंग लड़नी पड़ती है। घंटों लाइन में लगने के बाद पर्ची मिल भी गई तो डाक्टरों को दिखाना और मुश्किल है। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने पड़ताल की तो ओपीडी में सभी डाक्टरों के कक्ष के बाहर मारामारी दिखी। काउंटरों पर दवा लेने के लिए भी मरीज-तीमारदार व्यवस्था से जूझते दिखे। गलियों के साथ सीढि़यों पर जगह-जगह गंदगी की भरमार दिखी, जबकि सफाई के लिए यहां 275 सफाईकर्मी आउटसोर्सिंग के माध्यम नियुक्त हैं।

सुबह दस बजे से ही ओपीडी कक्ष में चिकित्सकों को दिखाने के लिए पंजीयन काउंटर पर मरीजों की कतार लगी रही। पंजीयन के लिए यहां कुल चार पटल बनाए गए हैं। ओपीडी कक्ष से लेकर एक्स-रे कक्ष, अल्ट्रासाउंड कक्ष, दंत, मेडिसिन, चर्मरोग, ईएनटी, गाइनी विभाग में मरीजों एवं तीमारदारों की भीड़ रही। संक्रामक एवं बुखार पीड़ित रोगियों के लिए अलग पटल बनाया गया है। ओपीडी कक्ष, जांच केंद्रों तथा वार्डों में सफाई बेहतर रही, लेकिन सीढि़यों एवं गलियारों में पान-गुटखा और कूड़ा बिखरा मिला। मरीजों एवं तीमारदारों में रवींद्र कुमार, सती कुमार, राधेश्याम, कलावती आदि ने बताया कि डाक्टर इलाज करते हैं, लेकिन जूनियर औ अन्य कर्मचारियों की लापरवाही से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। शौचालयों की सफाई भी नियमित नहीं होती। प्रिसिपल डा. संदीप कौशिक ने बताया कि इस समय संक्रामक बीमारियों से पीड़ित मरीज काफी संख्या में आ रहे हैं, इसलिए हर तरफ भीड़ नजर आ रही है। सामान्य दिनों में इलाज कराने में कोई दिक्कत नहीं होती।

------------------वर्षों से नहीं बदली जाली : मेडिकल कालेज में सेफ्टी के लिए लगाई गई रस्सी की जाली वर्षों से नहीं बदली गई है। यह जगह-जगह से टूटकर लटक रही है, ऐसे में कोई हादसा होने पर यह बेकार साबित होगी।

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डेंगू के 30 बेड आरक्षित : यहां अब तक डेंगू के छह मरीजों का इलाज हो चुका है। मौके पर डेंगू का कोई भी रोगी भर्ती नहीं है। दो वार्डों में कुल 30 बेड डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित हैं।

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जल्द शुरू होंगी पीजी की कक्षाएं : मरीजों के इलाज के साथ यहां छात्रों का भविष्य भी संवर रहा है। ट्रामा सेंटर संचालन की कवायद के साथ ही पीजी और डिप्लोमा की सीटें निर्धारित कर दी गई हैं। सहायक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अभिषेक पांडेय ने बताया कि एमबीबीएस के पांच सत्र चलते हैं। प्रत्येक सत्र में सौ छात्र शामिल होते हैं। कालेज को अब पीजी क्लास चलाने का तोहफा मिला है। इसके साथ ही गाइनी व ईएनटी में डिप्लोमा की सीटें भी निर्धारित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि पान और गुटखा खाकर अस्पताल में थूकने वालों पर नजर रखी जाती है। पकड़े जाने पर जुर्माना भी लगाया जाता है। मरीज और तीमारदारों को भी चाहिए कि वह अस्पताल साफ-सुथरा रखें।

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