घरों में रहकर सादगी के साथ मनाई ईद
ईद-उल-फित्र पर मस्जिदों में देश की एकता अखंडता व
अंबेडकरनगर: ईद-उल-फित्र पर मस्जिदों में देश की एकता, अखंडता व समृद्धि के लिए हाथ उठे। कोरोना का खौफ लोगों में इस कदर तारी रहा कि रिश्तों में सेवईं की मिठास तक नहीं झलकी। लोगों ने घरों में नमाज पढ़ी। कुछ ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए मस्जिदों में भी नमाज अदा कर कोरोना से निजात के लिए अल्लाह से प्रार्थना की। नमाजियों ने एक-दूसरे से गले मिलने और हाथ मिलाने से परहेज किया। इंटरनेट मीडिया पर बधाई दी।
अकबरपुर में अयोध्या मार्ग स्थित ईदगाह में पेश इमाम हाफिज शकील अख्तर ने ईद की नमाज अदा कराई। अख्तर ने कहा कि ईद का पर्व आपसी गिला-शिकवे मिटाकर परस्पर प्रेम, सदभावना और लोगों को जोड़ता है। मीरानपुर के इमामबाड़ा स्थित जामा मस्जिद के पेशइमाम मौलाना सैयद फजल अब्बास ने कहा कि नमाज सिर्फ माहे रमजान तक सीमित नहीं है, बल्कि अल्लाह की इबादत रमजान की भांति अन्य 11 महीनों में भी अनिवार्य है। छोटी मस्जिद में पेशइमाम मौलाना मुहम्मद रजा रिजवी ने कहा कि वास्तविक ईद उसी की है जिसने महीने भर का रोजा रखा है। अख्तर हुसैन, बशन्ने, मेंहदी रजा, इम्तियाज हुसैन, शायर असर आदि मौजूद थे।
बसखारी, किछौछा, मसड़ा तथा क्षेत्र के अन्य स्थानों पर अपनों को खो चुके परिवारों ने बड़े ही सादगी से ईद मनाई। मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहे। जलालपुर में कोरोना को हराने के लिए न कहीं कोई मेला लगा न ही दावतों का दौर चला। शारीरिक दूरियां बनी रहीं, लेकिन दिली नजदीकियां बरकरार रहीं। एसडीएम अभय पांडेय, सीओ कृष्णकांत शुक्ल क्षेत्र का भ्रमण करते रहे।