हरी सब्जियों के भाव सुन दूर से लौट रहे ग्राहक

महंगाई आम आदमी पर चौतरफा वार कर रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने लगीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:05 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:05 PM (IST)
हरी सब्जियों के भाव सुन दूर से लौट रहे ग्राहक
हरी सब्जियों के भाव सुन दूर से लौट रहे ग्राहक

अंबेडकरनगर: महंगाई आम आदमी पर चौतरफा वार कर रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने के साथ सब्जियों के भाव आसमान छूने से लोगों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। हालात यह हैं कि गरीब और मध्यमवर्ग की थाली से हरी सब्जियां गायब हैं। त्योहार के दिनों में एकाएक आई तेजी ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा है। दाल की चाल भी ठीक नहीं है, ऐसे में आम आदमी काफी परेशान है।

त्योहारों का सीजन आते ही थोक बाजार में जमाखोरी की आशंका जताई जा रही है। हालात देखकर प्रतिदिन मंडियों में सब्जियों के भाव तय किए जा रहे हैं। महंगाई केवल शहरों में ही नहीं, बल्कि गांवों में भी देखी जा रही है। बाजार में नई आलू जहां 40 रुपये किलो बिक रही है, वहीं परवल 60 रुपये तो टमाटर इससे भी अधिक दाम में बिक रहा है। प्याज की कीमत 20 रुपये से बढ़कर 45 तक हो गई है, जो आम आदमी को महंगाई के आंसू रुला रही है। महंगाई के चलते कई लोग अब नाम मात्र की सब्जी खरीद रहे हैं। सब्जी विक्रेता सालिकराम, दिलीप कुमार, रतीलाल का कहना है कि मौजूदा समय में बरसात के कारण बाहर से सब्जियों की आवक कम हुई है। आने वाले दिनों में भी सब्जियों के दामों में और बढ़ोतरी की संभावना है। जमाखोरों पर कोई कार्रवाई न होने से अभी हालात सुधरने के आसार नहीं दिख रहे हैं। अभी पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की महंगाई झेल रहे थे, लेकिन अब सब्जियों के दाम में आई तेजी ने घर का बजट बिगाड़ दिया है। गरीबों-मजदूरों के लिए सब्जी खरीदना तो दूर दाम पूछने की भी हिम्मत नहीं पड़ती।

रामजनम त्योहारी सीजन आते ही हर वर्ष सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हो जाती है। महंगाई के कारण नाम मात्र की सब्जी खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है। दीपावली नजदीक है, अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।

- पूनम, गृहिणी महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है। पहले जहां बाजार से थैलों में भरकर सब्जी ले जाते थे, अब आधा किलो व पाव भर सब्जी खरीद कर काम चलाना पड़ रहा है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।

जगरानी, गृहिणी सब्जी की कीमत एक नजर में

नई आलू- 30 से 40 प्रति किलो

परवल - 50 से 60 प्रति किलो

प्याज - 40 से 45 प्रति किलो

टमाटर- 50 से 60 प्रति किलो

अदरक- 50 से 60 प्रति किलो

शिमला मिर्च- 70 से 80 प्रति किलो

मिर्चा- 30 से 40 प्रति किलो

बैगन - 30 से 40 प्रति किलो

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