अभियान: निकायों को स्वच्छ बनाने में शासन और प्रशासन निभाए वादा

सीवेज ट्रीटमेंट व जैविक खाद का प्लांट बने तो रैंकिंग में आए सुधार आम जनमानस को अभी और दम लगाने के साथ बनना होगा सहभागी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:19 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:19 PM (IST)
अभियान: निकायों को स्वच्छ बनाने में शासन और प्रशासन निभाए वादा
अभियान: निकायों को स्वच्छ बनाने में शासन और प्रशासन निभाए वादा

अंबेडकरनगर: स्वच्छता की रैंकिंग निकायों को अव्वल बनाने में शासन-प्रशासन को अपना वादा पूरा करना होगा। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, कूड़ा निस्तारण प्लांट और तमसा नदी के तटों को भी स्वच्छ बनाने का वादा फाइलों में दफन है। भूमि अधिग्रहण और करोड़ों रुपये से इसे खरीदने के बाद यहां प्लांट लगाने में बजट की कमी बाधा बनी है। जनमानस को भी अपना शहर स्वच्छ बनाने में भरपूर दम लगाने के साथ सहभागी बनना होगा।

स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण तभी हो सकता है, जब शासन व प्रशासन चुस्त और जनता जागरूकता दिखाए। इंदौर लगातार पांचवीं बार स्वच्छ सर्वेक्षण में पहले पायदान पर काबिज है। इसका कारण वहां की जनता व जनप्रतिनिधियों एवं निकाय ने स्वच्छता को अभियान बना रखा है।

यहां जिला मुख्यालय की नगरपालिका अकबरपुर को छोड़ अन्य नगर पंचायत, नगरपालिका में संसाधन के अभाव के साथ उन्हें अमृत योजना में शामिल न किए जाने से सरकार का भी सहयोग नहीं मिल सका। जिले के किसी भी निकाय में सीवर लाइन व कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था नहीं है, इससे स्वच्छता रैंकिंग में जिला बहुत पीछे है। इसके लिए सरकारी मशीनरी की सक्रियता और जनता की जागरूकता जरूरी है। सरकार की तरफ से एक लाख आबादी की सीमा समाप्त करने से उम्मीदें बढ़ गई हैं।

कमियों को करना होगा दूर: कचरा एक स्थान पर रखने के साथ जनता ही अलग-अलग कर कचरा गाड़ी में डाले। यहां गीला, सूखा, सैनिटरी पैड-डायपर, ई-वेस्ट, घरेलू हानिकारक कचरा और प्लास्टिक का कचरा लिया जा रहा है।

कचरा निपटान: गीले कचरे से कंपोस्ट (जैविक खाद) बनाई जाती है। गीले कचरे से सीएनजी (कांपैक्ट नेचुरल गैस) बनाई जाती है। इसका प्रयोग सिटी बसों में ईधन के रूप में होता है। खाद किसानों व नागरिकों को बेचकर लाभ कमा सकते हैं।

जनभागीदारी: नागरिकों को स्वच्छता के लिए तैयार करने और उन्हें शिक्षित करना जरूरी है। स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, स्थानीय संगठनों की मदद लेनी चाहिए। इससे लोगों को नया सिस्टम समझना आसान होगा।

वाटर प्लस सिटी: तमसा और सरयू नदियों में निकायों के नाले सीधे गिराए जाते हैं। इससे वह दूषित हो रही हैं। नाला टैपिंग करके और सीवेज का पानी शुद्ध करके गिराया जाना चाहिए। इसके लिए प्रशासन व निकाय को ध्यान देना चाहिए।

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