बैंक से आधार को जोड़वाएं,तब किसान निधि पाएं

किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि नहीं मिलने से परेशान हैं। वे अपना कागजात दुरुस्त करने के बाद योजनाओं को हाशिल किया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 10:46 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 10:46 PM (IST)
बैंक से आधार को जोड़वाएं,तब किसान निधि पाएं
बैंक से आधार को जोड़वाएं,तब किसान निधि पाएं

अंबेडकरनगर: किसान प्रधानमंत्री सम्मान निधि नहीं मिलने से परेशान हैं। वे अपना कागजात दुरुस्त कराने के लिए जनसेवा केंद्र से लेकर कृषि विभाग तक का चक्कर लगा रहे हैं, फिर भी उनकी समस्याएं सुलझ नहीं पा रही हैं। इन दिनों गेहूं की फसल में यूरिया की सख्त जरूरत है। किसान इसके लिए सहकारी समितियों पर मारे-मारे फिर रहे हैं। किसी को बामुश्किल एक बोरी खाद मिल रही है तो किसी को वह भी नसीब नहीं हो रही। मजबूरी में दुकान से असली-नकली खाद लाकर खेतों में डाल रहे हैं। वहीं बेरोजगारों को उर्वरक बिक्री के लिए लाइसेंस लेने में भी दौड़भाग करनी पड़ रही है। खेती-किसानी में आ रही इन्हीं सब मुश्किलों को दूर करने के लिए बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में उप कृषि निदेशक डॉ. धर्मराज सिंह आए। उन्होंने किसानों के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि कृषि यंत्रों आदि पर अनुदान लेने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन करें, लाभ अवश्य मिलेगा। समस्याओं के निस्तारण के लिए कार्यालय में संपर्क की सलाह दी। इस दौरान किसान सम्मान निधि और अन्य योजनाओं से संबंधित किसानों के प्रश्नों का उन्होंने एक घंटे तक बखूबी जवाब दिया।

प्रश्न : उर्वरक बिक्री के लिए लाइसेंस बनवाना है, क्या करें। साथ ही सम्मान निधि भी नहीं मिल पा रही है।

दुर्गा प्रसाद मिश्रा, नेवादाकलां, कटेहरी

उत्तर: उर्वरक की दुकान खोलने के लिए सबसे पहले कृषि या रसायन विज्ञान में स्नातक होना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं है तो लाइसेंस नहीं बनेगा। दुकान की चौहद्दी, किरायानामा, स्टांप ड्यूटी आदि की प्रक्रिया पूरी की जाती है। सम्मान निधि के लिए एक आवेदन कार्यालय में दें, तब प्रक्रिया की जाएगी।

प्रश्न: आय दोगुना करने के लिए ट्रैक्टर लेना चाह रहा हूं। कैसे अनुदान मिलेगा। इसके साथ ही चने की उत्पादकता कैसे बढ़ाएं।

राम आसरे, नहरपुर, भियांव। उत्तर : खेती में आय दोगुना करने के लिए धान एवं गेहूं के अलावा नकदी फसलों की बुवाई भी करें। मत्स्य पालन, पशुपालन पर भी ध्यान दें। ट्रैक्टर पर अनुदान के लिए सबसे पहले अपना पंजीयन विभाग के पोर्टल पर कराएं। वहां से टोकन जनरेट होने के बाद ही यंत्र क्रय करें। इसके बाद उस यंत्र व ट्रैक्टर का बिल पोर्टल पर अपलोड करें। इसके बाद विभाग के अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करेंगे। सब कुछ सही होने पर डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी के खाते में अनुदान की धनराशि भेज दी जाती है।

प्रश्न : आवेदन के बाद भी सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल रहा है। कोई भी किस्त नहीं मिली है। लालजी पांडेय, भूपतिपुर कोड़हा, जहांगीरगंज।

उत्तर : एक आवेदन पत्र कार्यालय में दें, इसके बाद वहां पोर्टल पर जांच की जाएगी कि कमी कहां पर है। खाता संख्या गलत है तो बैंक के माध्यम से दुरुस्त कराएं।

प्रश्न: कई बार शिकायत की, लेकिन अभी तक सम्मान निधि नहीं मिल सकी है। इसके लिए क्या करें।

जय प्रकाश, शहजादपुर।

उत्तर : घर में यदि किसी को भी लाभ मिल रहा है तो अन्य सदस्यों को नहीं मिलेगा। आधार कार्ड को लेकर बैंक में जाएं और वहां बताएं कि इसमें अनुदान या सरकारी पैसा आएगा। क्योंकि इसके लिए अलग से आधार को जोड़ा जाता है, तब सम्मान निधि का लाभ मिलेगा।

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जागरण के सवाल :

प्रश्न: किसान सम्मान निधि की तीन-चार किस्तें किसानों के खाते में आईं और अब खाता व आधार की गड़बड़ी बताई जा रही है, यह क्या मामला है।

उत्तर : योजना के शुरुआती दौर में लगभग चार किस्तें पीएफएमएस विधि से केवल खाता संख्या और खाताधारक का नाम देखकर भेजी गईं। अब व्यवस्था में थोड़ा बदलाव कर इसे आधार कार्ड आधारित कर दिया गया है। इसमें आधार कार्ड पर दर्ज नाम, पता व अन्य विवरण के मुताबिक सब ठीक रहा तो सम्मान निधि मिलेगी, नहीं तो तत्काल रोक दी जाती है। हालांकि अब जिले में 19 हजार ही ऐसे किसान हैं। इसके अलावा 20 हजार अपात्र की छंटनी हो गई है।

प्रश्न : कृषि विभाग से अनुदान किस चीज पर मिलता है और कितने वर्षों तक मिलता है।

उत्तर : फसलों के बीज से लेकर कृषि यंत्र, कस्टम हायर और कृषि मशीनरी फार्म पर अनुदान दिया जाता है। इसमें बीज पर प्रत्येक वर्ष, कृषि यंत्र में छोटे यंत्रों पर तीन वर्ष, बड़े यंत्रों पर पांच वर्ष तथा कस्टम हायर और मशीनरी फार्म पर एक ही बार अनुदान का लाभ मिलता है।

प्रश्न : अनुदान के लिए किसानों की पात्रता क्या है।

उत्तर : विभाग से मिलने वाला अनुदान सभी किसानों के लिए है। इसमें पात्रता नहीं दी गई है। हां, इसमें समय और पंजीयन का विशेष खयाल रखा जाता है। किसानों को सबसे पहले पंजीयन कराना होगा, इसके बाद जो भी यंत्र, बीज, पाइप, पंपसेट आदि खरीदता है, उसका पक्का बिल लेना अनिवार्य होता है। जब विभागीय पोर्टल खुलता है तो बिल अपलोड करें और टोकन जनरेट करने के समय ही निर्धारित टोकन मनी भी जमा करना अनिवार्य है।

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