डाक्टर और वेंटिलेटर की कमी नहीं बनेगी इलाज में बाधा

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हर तरफ पसरी बेबसी और लाचारी से सबक लेकर समुचित तैयारियां की जा रहीं हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 11:19 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 11:19 PM (IST)
डाक्टर और वेंटिलेटर की कमी नहीं बनेगी इलाज में बाधा
डाक्टर और वेंटिलेटर की कमी नहीं बनेगी इलाज में बाधा

अंबेडकरनगर: कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में हर तरफ पसरी बेबसी और लाचारी से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इसकी संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए संसाधन बढ़ाने के साथ नए डाक्टरों की तैनाती की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस बीच कुछ स्टाफ नर्सों को नियुक्त कर उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। कुल चार आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था के साथ जिला अस्पताल से सीएचसी तक मरीजों के लिए बेड आरक्षित किए जा रहे हैं।

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. संदीप कौशिक ने बताया कि बच्चों का टीकाकरण नहीं होने से उन पर सबसे ज्यादा खतरे की आशंका को देखते हुए दूसरी लहर के बाद यहां 50 बेड का पीकू (बच्चों का आइसीयू) वार्ड बनाया गया है। इन सभी बेडों पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा वेंटिलेटर युक्त 10 बेड का इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है, जबकि 50 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इस तरह कुल 110 बेड बच्चों के लिए आरक्षित रहेंगे। प्राचार्य ने बताया कि हफ्तेभर पहले ही छह नए डाक्टरों की तैनाती की गई है, जबकि सात अन्य डाक्टरों की नियुक्ति के लिए उनका इंटरव्यू कर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही उनकी भी तैनाती होने की उम्मीद है। 43 नए स्टाफ नर्सों की भी नियुक्ति महीनेभर पहले की गई है। सभी जूनियर डाक्टर और उक्त नर्सों को गोरखपुर में 10 दिन का प्रशिक्षण दिया गया है।

जिला अस्पताल में भी 10 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है। वयस्क मरीजों के लिए यहां वेंटिलेटर युक्त 10 बेड की व्यवस्था की गई है। 20 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। सीएमएस डा. ओमप्रकाश ने बताया कि ये व्यवस्थाएं दूसरी लहर में दिक्कतें झेलने के बाद की गई हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए जरूरी सभी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।

दूरदराज की सीएचसी में पांच-पांच बेड आरक्षित: सीएमओ डा. श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दूरदराज के मरीजों को समय से इलाज मिल सके, इसलिए सीएचसी पर भी पांच-पांच बेड आरक्षित किए जा रहे हैं। अभी तक सीएचसी भीटी, भियांव, बसखारी और रामनगर में पांच-पांच बेड की व्यवस्था की गई है। आगे जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या और बढ़ाई जा सकती है।

चार प्लांट से मिल सकेगा आक्सीजन: सीएमओ ने बताया कि जिला अस्पताल में 115 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले आक्सीजन प्लांट ने दो महीने पहले ही कार्य करना शुरू कर दिया है, जबकि मेडिकल कालेज और एमसीएच विग टांडा में भी आक्सीजन प्लांट लगाया जा चुका है। जलालपुर सीएचसी पर भी जल्द ही आक्सीजन प्लांट की स्थापना की जाएगी।

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