पुराने काम पर नया भुगतान और बोर्ड लगाने के नाम पर गबन

भियांव ब्लाक के गांवों में मिली विकास के नाम पर व्यापक गड़बड़ी सोशल आडिट टीम का ग्राम सचिव और प्रधान नहीं करते सहयोग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:24 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:24 PM (IST)
पुराने काम पर नया भुगतान और बोर्ड लगाने के नाम पर गबन
पुराने काम पर नया भुगतान और बोर्ड लगाने के नाम पर गबन

अंबेडकरनगर: ग्राम पंचायतों में हुए विकास कार्यो की धरातल पर पड़ताल करने के लिए सोशल आडिट टीमें गठित हैं। गांवों में पहुंचकर विकास कार्यो का सत्यापन टीमों ने शुरू किया तो व्यापक गड़बड़ी मिलने लगी। भियांव ब्लाक के नूरपुर कला, अमदही, भियांव, मढ़वरपुर, पैकौली, आशापार व जैतपुर में गड़बड़ी मिली है।

वहीं, कुछ गांवों में पुराने विकास कार्य को नया दिखाकर भुगतान किया गया है। कार्यस्थल पर बोर्ड के नाम पर भी अनियमितता पकड़ी गई है। सोशल आडिट टीमों के गांव में पहुंचने पर ग्राम सचिव व प्रधान से वांछित सहयोग नहीं मिल रहा है। अभिलेख आदि नहीं मिलने से सत्यापन में परेशानी होती है।

जैतपुर गांव में पांच विकास कार्यो के अभिलेख में चरणवार काम कराने का फोटो और बोर्ड नहीं मिला। विक्रम के चक से बगहा बाबा तक मार्ग पर मिट्टी पटाई में पांच श्रमिकों को 110 दिन रोजगार देते हुए 22 हजार 110 रुपये भुगतान किया गया है। तालाब की मरम्मत बिना कराए 920 मानव दिवस दिखाकर एक लाख 61 हजार रुपये भुगतान मिला। श्रमिकों ने यहां ठेकेदारी से मनरेगा का काम कराने की शिकायत दर्ज कराई। आशापार गांव में पिचमार्ग से संतोष के घर तक खड़ंजा लगाने में एक लाख 90 हजार रुपये खर्च किया गया है। असलियत में यह खड़ंजा छह साल पहले से लगा है। यहां पांच हजार रुपये डिस्प्ले बोर्ड लगाने के नाम पर डकारा गया है। पैकौली गांव में दो स्थानों पर डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगा है, जबकि इसके लिए पांच-पांच हजार रुपये भुगतान हुआ है।

मढ़वरपुर गांव में कार्य के अभिलेख नहीं दिखाए गए तो पांच हजार रुपये से लगाया गया डिस्प्ले बोर्ड भी धरातल पर नहीं मिला। नूरपुरकला गांव में डिस्प्ले बोर्ड लगाने के लिए जीएसटी समेत 5600 रुपये भुगतान किया गया है। यह बोर्ड भी धरातल पर नहीं मिला।

अमदही गांव में भी यही अनियमितता पकड़ी गई। खालिशपुर नाला तक मार्ग निर्माण में भी एक लाख 75 हजार 730 रुपये की गड़बड़ी मिली है। जिला विकास अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि इसे ब्लाक सभा में ग्राम सचिवों व प्रधानों के समक्ष रखने के बाद नोटिस जारी कर वसूली व विधिक कार्रवाई की जाएगी। सोशल आडिट टीम को गांव में सहयोग नहीं देने वालों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।

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