अल्जाइमर दिमागी बीमारी है, इससे बुजुर्गों को बचाएं : सीएमएस
विश्व अल्जाइमर दिवस पर जिला चिकित्सालय में सीएमएस डा. ओम प्रकाश ने लोगों को जागरूक किया।
अंबेडकरनगर : विश्व अल्जाइमर दिवस पर जिला चिकित्सालय में सीएमएस डा. ओम प्रकाश ने जागरूकता संगोष्ठी में कहा कि अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है। इसमें धीरे-धीरे याददाश्त और सोचने की शक्ति कम हो जाती है। अल्जाइमर रोग में सबसे आम डिमेंशिया है, जो मस्तिष्क के यथोचित रूप में काम न कर पाने के लिए समग्रता में इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है। अल्जाइमर याददाश्त और व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा करता है। हाल की घटनाओं को याद करने में समस्या आना प्राय: पहला लक्षण है। विश्व अल्जाइमर दिवस का उद्देश्य जागरूकता लाना है, ताकि घर परिवार को राह दिखाने वाले बुजुर्गों को इस बीमारी से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक उम्र के बाद लोगों में होने लगती है। इसमें लोग चीजों को याद नहीं कर पाते हैं। स्वस्थ जीवन शैली और नशे से दूर रहकर अल्जाइमर और डिमेंशिया से बचा जा सकता है। डिप्टी सीएमओ डा. आशुतोष सिंह ने कहा कि उम्र बढ़ने के साथ ही तमाम तरह की बीमारियां हमारे शरीर को निशाना बनाना शुरू कर देती हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख बीमारी बुढ़ापे में भूलने की आदत है। मनोचिकित्सक एवं सलाहकार डा. रागिनी सिंह ने बताया कि बुजुर्गों को डिमेंशिया से बचाने के लिए जरूरी है कि परिवार के सभी सदस्य उनके प्रति अपनापन रखें। अकेलापन ना महसूस होने दें, समय निकाल कर उनसे बातें करें उनकी बातों को नजरअंदाज न करें। उनको ध्यान से सुनें। कुछ ऐसे उपाय करें कि वह व्यस्त रहें। उनकी मनपसंद की चीजों का ख्याल रखें। निर्धारित समय पर सोने, जागने, नाश्ता व भोजन की व्यवस्था करें। मानसिक रूप से अपने को स्वस्थ रखें। सकारात्मक विचारों से मन प्रसन्न बनाए रखे, पसंद का संगीत सुनें।