ग्रामीणों के विरोध पर वापस लौटी चकबंदी टीम

अंबेडकरनगर : क्षेत्र के गांव भगोला में ग्रामीणों के विरोध के चलते चकबंदी सीओ व कर्मियों को

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 11:13 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 11:13 PM (IST)
ग्रामीणों के विरोध पर वापस लौटी चकबंदी टीम
ग्रामीणों के विरोध पर वापस लौटी चकबंदी टीम

अंबेडकरनगर : क्षेत्र के गांव भगोला में ग्रामीणों के विरोध के चलते चकबंदी सीओ व कर्मियों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। हालांकि उक्त गांव समेत नौ गांवों में चकबंदी प्रक्रिया आयुक्त ने दस वर्ष पूर्व ही निरस्त की जा चुकी है। इसके बावजूद विभाग चकबंदी के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है। इससे ग्रामीणों में आक्रोश है। भीटी तहसील क्षेत्र में वर्ष 2008 में विभिन्न गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन कई गांवों में ग्रामीणों ने प्रक्रिया का विरोध करते हुए विभाग के आयुक्त को शिकायती पत्र दिया।

इसी क्रम में आयुक्त ने कछासारीपट्टी, महमदपुर चपरा, अताउल्लापुर, विकवजीतपुर, करमपुर, रानीपुरमोहन, सबना, जैतपुर निधियावां, भगोला आदि गांवों के मामले की सुनवाई करते हुए चकबंदी प्रक्रिया निरस्त कर दिया। ग्रामीणों के मुताबिक इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिवर्ष दो से तीन बार अवैधानिक तरीके से चकबंदी की कवायद गांव पहुंचकर की जाती है। हालांकि हर बार विभाग को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ता है। मंगलवार को सीओ, नायब व लेखपालों की टीम ने गांव पहुंचकर बैठक बुलाई थी। ग्रामीणों के मुताबिक उक्त अधिकारियों ने दर्जनों भूमिहीन व खतौनी धारक ग्रामीणों के फर्जी हस्ताक्षरयुक्त शिकायती पत्र को आधार बनाया था, लेकिन विरोध करने पर असलियत सामने आ गई। भूमिहीन व फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि विभाग ने भी की है। इस पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। जिससे टीम को बैरंग वापस लौटना पड़ा। जांच में फर्जी हस्ताक्षर की हुई पुष्टि : सीओ

भीटी : सीओ प्रकाश चंद्र उत्तम व नायब यशवंत कुमार ¨सह ने बताया कि सैकड़ों ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त शिकायती पत्र आयुक्त को दिया गया था। आयुक्त ने स्थलीय जांच कर आख्या मांगी है। विभागीय टीम जांच करने गांव गई थी। जांच के दौरान कई लोगों के फर्जी हस्ताक्षर की पुष्टि हुई है। इसका ग्रामीणों ने विरोध किया। मामले की रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त को सौंपी जाएगी।

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