मैट्रिक फेल झोलाछापों के हाथ ठगी का शिकार हो रहे मरीज व तीमारदार
ग्रामीणांचल की बाजारों में झोलाछापों की भरमार है। इन्हें प्राथमिक इलाज तक नहीं आता।
अंबेडकरनगर : ग्रामीणांचल की बाजारों में झोलाछापों की भरमार है। इन्हें प्राथमिक इलाज की भी जानकारी नहीं है, फिर भी धड़ल्ले से बड़े-बड़े आपरेशन कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से यहां मैट्रिक फेल झोलाछापों के हाथ मरीज व तीमारदार ठगी का शिकार हो रहे हैं। गलत इलाज के कारण लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है।
आलापुर तहसील के राजेसुलतानपुर, पदुमपुर, गढ़वल, कम्हरिया, मदैनिया, सिघलपट्टी, देवरिया बाजार, जहांगीरगंज, नरियांव, रामनगर, ढोलबजवा एवं न्यौरी आदि बाजारों में बड़ी संख्या में झोलाछाप बेखौफ लोगों का इलाज कर रहे हैं। ये मरीजों व तीमारदारों को अपने जाल में फंसाकर हाइड्रोसील, हार्निया, पथरी अपेंडिक्स तथा बच्चेदानी आदि का आपरेशन भी कर रहे हैं। मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए उनसे मोटी रकम वसूली जाती है। ऐसा नहीं है कि इन झोलछापों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं है, बल्कि उन्हीं की कृपा से इनका धंधा फलफूल रहा है। कभी कोई शिकायत होती है तो लंबी डील के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
-कमीशनखोरी से होती है आमदनी: गैरपंजीकृत चिकित्सालय कमीशनखोरी के बल पर ही फल-फूल रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि फर्जी अस्पतालों में आपरेशन के लिए मरीज भेजने वाले को कमीशन दिया जाता है। इस खेल में आशाबहुएं भी पीछे नहीं हैं। अपने फायदे के लिए सामान्य प्रसव की जगह बहला-फुसलाकर सिजेरियन करवा रही हैं। संबंधित नर्सिंग होम आशाओं को इसके बदले मोटा कमीशन देता है।
-अल्ट्रासाउंड से शुरू होता है खेल: सामान्य प्रसव को आपरेशन कराने का खेल अल्ट्रासाउंड सेंटरों से ही शुरू हो जाता है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि क्षेत्र में स्थापित अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर गर्भवती महिलाओं की सामान्य रिपोर्ट को एबनॉर्मल लिखवा कर उन्हें आपरेशन के लिए प्रेरित किया जाता है। प्रसव के समय उन्हीं फर्जी नर्सिंगहोम पर सेटिग के तहत ऑपरेशन करवा कर मोटी रकम वसूल की जाती है।
-सरकारी अस्पताल में नहीं है सिजेरियन की सुविधा : सीएचसी आलापुर व जहांगीरगंज के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामनगर, लखनीपट्टी, माडरमऊ, नरियांव, कमालपुरपिकार व कम्हरिया सरकारी अस्पताल हैं। किसी भी अस्पताल पर सर्जन व स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। मजबूरी में लोगों को निजी व झोलाछाप चिकित्सकों के हाथों ठगी का शिकार होना पड़ता है।
-अ²श्य चिकित्सकों के नाम चल रहे अस्पताल : अधिकांश नर्सिंग होम बिना पंजीकरण के ही चल रहे हैं। इससे इतर तमाम ऐसे भी अस्पताल विभाग में पंजीकृत हैं, जिनके चिकित्सक का पता ही नहीं है। इतना ही नहीं एक चिकित्सक के नाम पर कई अस्पतालों का संचालन हो रहा है। ऐसे भी अस्पतालों के पंजीकरण हुए हैं, जिनके चिकित्सक गैरजनपदों के हैं, अथवा उनका खुद का नर्सिंगहोम अन्यत्र चल रहा है।
गैरपंजीकृत नर्सिंग होम को चिन्हित कर इसकी सूचना विभाग को दी जाती है। समय-समय पर झोलाछापों एवं अवैध अस्पतालों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई भी की जाती है। जल्द ही ऐसे फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
-डा. उदयचंद यादव
प्रभारी चिकित्साधीक्षक
सीएचसी, जहांगीरगंज