एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से प्रसूताओं की बढ़ी परेशानी

एंबुलेंस कर्मियों की दूसरे दिन भी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:56 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:56 PM (IST)
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से प्रसूताओं की बढ़ी परेशानी
एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से प्रसूताओं की बढ़ी परेशानी

अंबेडकरनगर: एंबुलेंस कर्मियों की दूसरे दिन भी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। गंभीर रूप से बीमार और हादसों के शिकार भी समय से अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं को भी इसका दंश झेलना पड़ रहा है। मजबूरी में ई-रिक्शा और टेंपो से लोग मरीजों को लेकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। उधर, सीएमएस का कहना है कि हड़ताल का कोई असर नहीं है। मरीजों एवं घायलों को एंबुलेंस से लाया जा रहा है।

बकाया मानदेय दिलाने और ठेका प्रथा खत्म करने की मांग को लेकर एंबुलेंस चालक सोमवार से हड़ताल पर हैं। मंगलवार को भी कर्मचारी कामकाज से दूर रहे। एंबुलेंस के पहिए नहीं हिलने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीजों को लेकर कोई साइकिल से पहुंचा तो कोई ई-रिक्शा से। प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिलाओं को भी एंबुलेंस नसीब नहीं हुई। मजबूरी में परिवारजन निजी गाड़ी या रिक्शा आदि से लेकर उन्हें अस्पताल पहुंचे। सीएमएस डा. ओमप्रकाश ने बताया कि जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल का विशेष असर नहीं है। यहां पहले जितने ही मरीज अब भी पहुंच रहे हैं और उनका समुचित इलाज किया जा रहा है। वहीं, एंबुलेंस संचालन समिति के अध्यक्ष हनुमान प्रसाद पांडेय ने बताया कि आउटसोर्सिंग के जरिए रखे गए कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जाता है। नवीनीकरण के नाम पर उनसे पैसा लिया जाता है। प्रति माह भी हजार-दो हजार रुपये सभी कर्मचारियों से लिए जा रहे हैं। इसलिए यह व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बसखारी पर भी एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। प्रसव तथा आकस्मिक सेवा के लिए मरीजों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी। इस बावत केंद्र प्रभारी डा. मार्कंडेय प्रसाद ने बताया कि इमरजेंसी सेवाएं त्वरित गति से उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। सुरक्षित प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को डिस्चार्ज होना था, लेकिन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के विशेष वार्ड में रोक दिया गया है।

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