सुंदरीकरण के नाम पर करोड़ों खर्च, पानी की जगह तालाबों में उगे घास-फूस
गर्मी में पानी पीने के लिए तरस रहे पशु-पक्षी मछली पालन के लिए आवंटित तालाबों में पानी लबालब
अंबेडकरनगर: तालाबों के सुंदरीकरण के नाम पर करोड़ों खर्च कर दिया गया, लेकिन इन दिनों इनमें पानी की जगह घास-फूस उगे हैं। गर्मी के इस मौसम में पशु-पक्षियों को भी पानी पीने के लाले पड़े हैं। वहीं पट्टे पर मछली पालन के लिए दिए गए तालाबों में पानी लबालब है। कमोबेश यही हाल ब्लॉक के सभी ग्राम पंचायतों में स्थित तालाबों का है।
जल संरक्षण व मछली पालन के लिए सरकार ने गांवों में खजाने का मुंह खोल रखा है। मनरेगा, राज्य व केंद्र वित्त के साथ ही भूमि संरक्षण और मछली पालन विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों में लाखों रुपये खर्च कर तालाब का सुंदरीकरण कराया। तालाब के किनारे चारों तरफ बाड़ लगवाया। यहां लोगों के बैठने के लिए सीमेंटेड बेंच भी लगवाई। इसके बावजूद तालाबों की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
क्षेत्र के ज्यादातर तालाब सूखे पड़े है। ब्लॉक के भस्मा ग्राम पंचायत में मुख्य सड़क पर स्थित तालाब से धूल उड़ रही है। अन्य तालाबों में भी फसलों की सिचाई आदि के लिए पानी उपलब्ध होने की बात तो दूर पशु-पक्षियों के प्यास बुझाने तक की व्यवस्था नहीं है। यह हाल तब है, जब हाल में शासन के निर्देश पर डीएम ने सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के तालाबों को लबालब कराने की बात कही थी।
वर्जन:::
बीडीओ अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि तालाबों में पानी भरने का आदेश दिया गया है। जहां पानी नहीं है, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों से बात कर इसे सुनिश्चित करवाया जाएगा।
---------
चुनाव ने डाली बाधा:
ग्राम प्रधानों का लगभग पांच माह पहले कार्यकाल पूरा हो गया। इसके बाद एडीओ पंचायत ने बतौर प्रशासक कार्यभार संभाला। एक साथ ब्लॉक के 115 ग्राम पंचायतों में खाता हस्तांतरण में महीनों बीत गए। इसके बाद पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया और तालाबों में पानी भरने की योजना फलीभूत नहीं हो पाई। इसका असर यह रहा कि गर्मी में तालाब पूरी तरह सूखे हैं।