'गांव की जरूरत को समझाने वाले को बनाएंगे अपना नेता'

लुभावने वादों के बजाए उम्मीदवारों की योग्यता देख रहे मतदाता गांव की चौपाल में अपना नुमाइंदा चुनने को लेकर बहस हुई तेज

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 10:36 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 10:36 PM (IST)
'गांव की जरूरत को समझाने वाले को बनाएंगे अपना नेता'
'गांव की जरूरत को समझाने वाले को बनाएंगे अपना नेता'

अंबेडकरनगर : प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह प्राप्त हो गया है। मतदान की तिथि नजदीक आ रही है। प्रत्याशियों की धड़कनें तेज हो गई है। गांव में चुनाव चिन्ह वितरण के साथ प्रचार ने गति पकड़ ली है। प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए दावे की झड़ी लगा रहे है।

कोई गांव के गली-कूचों को चमकाने की तो कोई गांव को शहर के तर्ज पर विकसित करने का दावा कर रहा है। प्रधान से लेकर बीडीसी तथा जिला पंचायत सदस्य के दावेदार मतदाताओं के मनुहार के लिए सहालग के इस मौसम में उलझे हैं। चुनावी सहालग में खेत-खलिहान, गांव से लेकर बाजारों की दुकानें चुनावी चौपाल का केंद्र बनी हैं।

चारों तरफ चुनावी चर्चाओं का ही जोर है। मुद्दे से लेकर मतदान तक की चर्चाएं चल रही हैं। प्रत्याशी व उनके समर्थक दिन-रात एक किए हैं। कुछ ऐसा ही भीटी विकासखंड की ग्राम पंचायत मिझौड़ा की चुनावी चौपाल में देखने को मिला। दोपहर करीब एक बजे मिझौड़ा गांव की एक बाग में युवाओं व बुजुर्गो की चौपाल सजी थी। आपस में छिड़ी बहस के बीच बुजुर्ग निसार अहमद कहते हैं कि 'हमरा वोट वही पइहै जे गांव के दरकते भाईचारा का कंट्रोल कर मिसाल पेश करिहै।' इसमुल्लाह खान ने कहा कि 'वोट शिक्षित, काबिल, ईमानदार व जुझारू प्रत्याशी को दिया जाएगा।' करीम लाला कहते हैं कि 'वोट उसी को पड़ेगा, जो पद की मर्यादा के अनुरूप कार्य करते हुए गांव को भाईचारे के सूत्र में बांधकर चलेगा।' इफ्तिखार भाई कपाड़िया कहते हैं कि 'दूसरे के दिमाग से काम करने वाले के हाथ में प्रधानी की बागडोर नहीं सौंपी जाएगी।' नियामतुल्लाह कहते हैं कि 'करीब चार हजार मतदाताओं वाली मिझौड़ा ग्राम पंचायत को ईमानदार व कर्मठ प्रधान की जरूरत है। इसी मुद्दे पर मतदान कर ग्रामीण मिसाल बनाएंगे।' आफाक फाइटर कहते हैं कि 'फर्जी वादा करने वालों को इस बार सबक सिखाना है।' नाजिम, आसाद, असफाक कहते हैं कि 'चुनाव मा सबहीं का जनता कै दर्द दिखत है। चुनाव बाद सब भूल जात हैं।' मेराज अहमद कहते हैं कि 'विकास की कसौटी पर खरा उतरने वाले को ही प्रधान चुनना है।' जुबेर अहमद की राय में 'जनता के सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा खड़ा रहने वाले को ही मतदान किया जाएगा।' रहमतुल्लाह ने 'वादों को निभाने वाले प्रत्याशी को ही वोट करने की बात की।'

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