सीटी स्कैन के नाम पर धन उगाही में जुटे डायग्नोस्टिक सेंटर

कोराना संक्रमण का पता करने के लिए डाक्टर लिख रहे सीटी स्कैन आपदा को अवसर समझ लोगों से धन उगाही में जुटे कारोबारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 09:49 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:49 PM (IST)
सीटी स्कैन के नाम पर धन उगाही में जुटे डायग्नोस्टिक  सेंटर
सीटी स्कैन के नाम पर धन उगाही में जुटे डायग्नोस्टिक सेंटर

अंबेडकरनगर: कोरोना के इस भयावह दौर में भी कुछेक लोगों की संवेदनहीनता खत्म नहीं हुई है। लोग मानवता भूल कर इस आपदा को अवसर में बदलने से बाज नहीं आ रहे हैं। डाक्टर तक मरीजों की सेवा में जुटे हैं, लेकिन पैथालाजी से जुड़े लोग पूरी तरह लूट में जुटे हैं।

मेडिकल और डायग्नोस्टिक सेंटर वाले दवा व इंजेक्शन के स्टाक की कमी बताकर महंगे दामों पर इसे उपलब्ध करा रहे हैं। सीटी स्कैन करने के लिए साढ़े चार हजार से छह हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं, जबकि सामान्य एक्स-रे का भी पांच सौ रुपये तक लिया जा रहा है। मरीजों से लूट के इस खेल पर स्वास्थ्य अधिकारियों की चुप्पी हैरान करने वाली है।

परिजन अपने परिवार को बचाने के लिए कहां-कहां से पैसे का इंतजाम कर अस्पताल पहुंचता है। इस मुश्किल हालात में उसे औरों से भी सहानुभूति की आस होती है, लेकिन जांच और दवाओं के नाम पर उसकी जेब काटी जा रही है। नए संक्रमण में कोरोना की पुष्टि के लिए अब सीटी स्कैन का सहारा लिया जा रहा है। आरटीपीसीआर व एंटीजन टेस्ट में संक्रमण की पुष्टि न होने के बाद डाक्टर सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं। इससे सीटी स्कैन कराने की होड़ है। इसी का नाजायज फायदा उठाकर पैथालाजी और डायग्नोस्टिक केंद्र के संचालक लूट मचा रखे हैं।

इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते दिनों सीटी स्कैन दो से ढाई हजार रुपये में होता था। यही जांच अब साढ़े चार हजार से छह हजार रुपये में की जा रही है। बेवाना थाने के समोखपुर निवासी दिवाकर शुक्ल ने बताया कि डाक्टर की सलाह पर तीन दिन पहले उन्होंने अपने मरीज का अकबरपुर में टांडा रोड स्थित अथर्व सेंटर पर सीटी स्कैन कराया। इसके लिए उनसे साढ़े चार हजार रुपये लिए गए। उन्होंने कुछ रियायत करने के लिए मिन्नतें की, लेकिन सब बेकार गया। इसी तरह दिशा पैथालाजी और इंदू सीटी स्कैन सेंटर पर पांच-पांच हजार रुपये वसूले जा रहे हैं।

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चेस्ट के सीटी स्कैन में अधिक स्लाइड लगती है, इसलिए कुछ अधिक पैसा लग सकता है, लेकिन इतना ज्यादा अंतर नहीं हो सकता है। इसकी जांच कराकर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

-डा. अशोक कुमार, सीएमओ

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