सात नौजवानों की मौत से गांवों में कोहराम

बहुएं हुई विधवा बेटी का हाथ कैसे होगा पीला मृतक के भाई को पुलिस ने बनाया शराब तस्कर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 10:24 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 10:24 PM (IST)
सात नौजवानों की मौत से गांवों में कोहराम
सात नौजवानों की मौत से गांवों में कोहराम

अंबेडकरनगर: थाने के अलग-अलग गांवों में 24 घंटे में हुई सात नौजवानों की मौतों ने सभी को झकझोर दिया है। किसी का पिता चला गया तो किसी का पति या पुत्र। इन घरों में मातम है तो पूरा गांव सदमे में। बेबस ग्रामीण अपने-अपने घर गमगीन मुद्रा में बैठे हैं। रुकुनपुर गांव में दो सगे भाइयों रंजीत एवं सुदेश की मौत के बाद अब घर में कोई कमाने वाला नहीं है। दोनों नौजवान बहुएं विधवा हो गईं। एक बेटी का हाथ पीला कैसे होगा और दो छोटी बेटियों समेत कुल पांच परिवार का पेट कैसे भरेगा, यह प्रश्न खड़ा हो गया है।

बैंड-बाजा बजाकर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करने वाले मालीपुर गांव के आशीष की अचानक हुई मौत से पत्नी व बच्चे बदहवास हैं। पूरा भविष्य अंधकारमय हो गया है। बैरागल गांव में हर तरफ सन्नाटा है। यहां अधिकारियों, नेताओं के लगातार आने से गांववासी किसी अनहोनी से सहमे हुए हैं। यहां से दो दिन के अंदर बरात गए बरातियों और रिश्तेदार समेत अन्य की लगातार मौत ने खुशी के माहौल को गमगीन कर दिया।

ऊपर से घर के कमाऊं पूत पर पुलिस ने शराब तस्करी का केस दर्ज कर परिजनों को भयभीत कर दिया। जिस घर में गीतों की गूंज सुनाई देना था, वहां लोग किसी अनहोनी के चलते घर में दुबके हैं। पत्नी के आंखों से आंसुओं की धार बह रही है और दो छोटे-छोटे बेटे आने वालों को अपलक निहार रहे हैं।

कुलहियापट्टी के शैलेंद्र राजभर की मौत से मां व पत्नी बेसुध हैं। दोनों भाइयों के कंधों पर अब इसके परिवार के लालन-पालन की जिम्मेदारी आ गई। करमिसिरपुर गांव निवासी खैंचू उर्फ सर्वेश यादव की मौत पर बुजुर्ग माता के आंखों के सामने अंधेरा छा गया है। अब बुजुर्ग माता की सेवा और मरने के बाद कंधा कौन देगा। अकेले पुत्र सर्वेश को कोई जलाने वाला नहीं था, लिहाजा उसके शव को ग्रामीणों ने दफना दिया।

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