हादसों से बेखबर, राहगीर व अभिभावक नहीं ले रहे सबक
अंबेडकरनगर: पंजाब के अमृतसर स्टेशन के करीब रावण पुतला दहन के दौरान ट्रेन की चपेट मे
अंबेडकरनगर: पंजाब के अमृतसर स्टेशन के करीब रावण पुतला दहन के दौरान ट्रेन की चपेट में आने से सैकड़ों लोगों की दर्दनाक मौत से भी जिला और स्थानीय रेलवे प्रशासन नहीं चेत रहा। प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। जिला मुख्यालय पर प्रतिदिन हजारों लोग नियम के विपरीत रेलवे लाइन पार करते हैं। फिर भी इसे रोकने को प्रशासन गंभीर दिखाई नहीं दे रहा। जबकि इसमें रोजाना सैकड़ों स्कूली बच्चे भी शामिल होते हैं। क्योंकि ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे प्रशासन ने ओवरब्रिज का निर्माण तो कराया लेकिन क्रा¨सग नहीं बनवाने से पटरी पर आवागमन चल रहा है। हालांकि साइकिल व बाइक से निकलना तो मुश्किल है, लेकिन पैदल आसानी से लोग इधर से उधर आ जा रहे हैं। इस गंभीर मामले में दो सांसदों का कार्यकाल भी बीत रहा है फिर भी फाटक नहीं लग सका। हालांकि चुनावी मुद्दे में इसका जिक्र जरूर आता है और उम्मीदवारों द्वारा उम्मीद भी बांधी जाती है, लेकिन समय बीतने के साथ समस्या जस की तस बनीं हुई है। जनपद मुख्यालय पर यातायात की सुगमता के लिए अकबरपुर-फैजाबाद रेल मार्ग पर ओवरब्रिज का निर्माण तो किया गया है, लेकिन उस पर यातायात के बढ़ते दबाव के चलते पैदल चलने वाले अधिकांश लोग पुल के नीचे से ही रेलवे लाइन पार करते हैं। बताया जाता है कि प्रति दिन हजारों लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर रेलवे लाइन पार करते हैं। जिनमें ज्यादातर स्कूली बच्चे होते हैं। रेलवे लाइन के निकट ही पुल के नीचे स्कूल हैं और इनमें पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे हैं जो अपने पीठ पर स्कूली बैग लेकर अपनी ही मस्ती में आने-जाने के लिए पुल का प्रयोग करने के बजाय रेलवे लाइन पार कर आते-जाते हैं। हैरत की बात यह है कि अमृतसर में इतनी बड़ी घटना घटने के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है और न ही स्कूल प्रशासन ही अपनी कोई जिम्मेदारी समझ रहा। इसके अलावा रेलवे विभाग से ओवर ब्रिज के अलावा मानव रहित क्रा¨सग पर पिलर लगा कर आवागमन रोकने का प्रयास किया, लेकिन स्थानीय नागरिकों द्वारा पिलर को हटाकर आने-जाने का रास्ता बना लिया गया। इस संबंध में अकबरपुर स्टेशन अधीक्षक जियालाल ने बताया कि विभाग द्वारा सर्वे किया जाता है जहां पर मानव रहित क्रा¨सग है वहां पर फाटक लगया जाता है। ओवरब्रिज के नीचे फाटक लगाने का अभी तक कोई निर्देश नहीं मिला है। सुरक्षा को लेकर सख्ती पूरी तरह से बरती जाती है।