UP Zila Panchayat Chunav 2021: प्रयागराज में पहली बार गंगापार के स‍िर सजेगा ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष का ताज

UP Zila Panchayat Chunav 2021 वर्ष 2000 में सपा समर्थित प्रत्याशी उमा देवी को हराकर भाजपा प्रत्याशी केशरी देवी पटेल अध्यक्ष बनी। वह शंकरगढ़ से जिला पंचायत सदस्य थीं। 2005 में फिर केशरी देवी सपा समर्थित उम्मीदवार अशोक सिंह से हार गई। अशोक सिंह भी यमुनापार से थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 08:13 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:22 AM (IST)
UP Zila Panchayat Chunav 2021: प्रयागराज में पहली बार गंगापार के स‍िर सजेगा ज‍िला पंचायत अध्‍यक्ष का ताज
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रयागराज में 25 वर्ष में गंगापार का कोई भी प्रत्याशी नहीं जीत सका है।

प्रयागराज, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का प्रयागराज में रिकार्ड भी रहा है। जब से इस चुनाव की शुरुआत हुई है, तब से गंगापार का कोई भी प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो सका है। यह पहली बार है जब जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतरने वाले सपा और भाजपा के प्रत्याशी गंगापार के हैं। खास बात यह भी है कि दोनों ही प्रत्याशी एक ही तहसील यानी हंडिया के हैं। ऐसे में इस बार तो जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज गंगापार की ही शोभा बढ़ाएगा।

1995 से पूर्व जिला परिषद था, आखिरी अध्‍यक्ष ब्रह्मदेव सिंह थे

वर्ष 1995 से पहले यहां पर जिला परिषद था। जिला परिषद के आखिरी अध्यक्ष ब्रह्मदेव सिंह थे। वर्ष 1995 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की शुरुआत हुई। जिला पंचायत अध्यक्ष पद का पहला मुकाबला पूर्व विधायक विश्रामदास (जनता दल समर्थित प्रत्याशी) का पूर्व सांसद रामनिहोर राकेश की पत्नी लक्ष्मी प्रभा राकेश (कांग्रेस प्रत्याशी) से हुआ था। विश्रामदास यमुनापार वार्ड से जिला पंचायत सदस्य थे। चुनाव में जीत का सेहरा उनके माथे पर सजा था।

2000 में भाजपा की केशरी देवी पटेल जिपं अध्‍यक्ष बनीं

वर्ष 2000 में सपा समर्थित प्रत्याशी उमा देवी को हराकर भाजपा प्रत्याशी केशरी देवी पटेल अध्यक्ष बनी। वह शंकरगढ़ से जिला पंचायत सदस्य थीं। 2005 में फिर केशरी देवी सपा समर्थित उम्मीदवार अशोक सिंह से हार गई। अशोक सिंह भी यमुनापार से थे।

2005 में सपा के अशोक सिंह मात्र एक माह ही अध्‍यक्ष रहे

सपा नेता केके श्रीवास्तव बताते हैं कि 2005 में अशोक सिंह एक माह तक ही अध्यक्ष रहे और केशरी देवी अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष बन गईं। करीब दो माह तक केशरी देवी अध्यक्ष रहीं। जनवरी 2006 में रेखा सिंह अध्यक्ष बनीं और 23 माह तक उन्होंने यह पद संभाला। दिसंबर 2007 में केशरी देवी पुन: अध्यक्ष बन गईं।

2010 में केशरी देवी और 2013 में रेखा सिंह को मिला ताज

2010 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में एक बार फिर केशरी देवी पटेल और रेखा सिंह आमने-सामने आईं। इस बार केशरी देवी ने रेखा सिंह को पराजित कर दिया। जनवरी 2011 में केशरी देवी अध्यक्ष बनीं लेकिन दो साल प्रदेश में सत्ता बदली तो 28 जनवरी 2013 में रेखा सिंह अध्यक्ष बन गईं। 2015 में हुए चुनाव में केशरी देवी पटेल और रेखा सिंह फिर एक-दूसरे के सामने आईं। रेखा सिंह ने फिर जीत दर्ज की। एक वर्ष के भीतर ही 2016 में केशरी देवी पटेल ने रेखा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, लेकिन पारित नहीं हो सका।

इस बार सपा व भाजपा प्रत्‍याशी गंगापार के हंडिया तहसील के हैं

इस बार अध्यक्ष पद के लिए सपा से मालती यादव और भाजपा से डा. वीके सिंह मैदान में हैं। दोनों गंगापार के हंडिया तहसील के रहने वाले हैं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। ऐसे में दोनों में से कोई भी जीते, इतना तो तय है कि जिला पंचायत अध्यक्ष तो गंगापार का ही होगा।

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