आपका रक्त बचा सकता है किसी की जान, कोरोना काल में आ गई इस महादान में बेहद कमी
एसआरएन अस्पताल में ट्रांसफ्यूशन मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रविरानी मिश्रा कहती हैं कि रक्त हमेशा जरूरी होता है। कोविड संक्रमण काल में तो यह और भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इन दिनों में लोग भयवश अस्पताल जाकर रक्त दान नहीं करते
प्रयागराज, जेएनएन। रक्तदान महादान कहलाता है क्योंकि इससे किसी शख्स की जिंदगी बचाई जा सकती है। अभी सोमवार को विश्व रक्तदान दिवस पर बड़ी संख्या में लोगों ने अपना खून दान किया ताकि जरूरतमंद लोगों की जीवन रक्षा हो सके लेकिन पहले के रक्तदान शिविरों सी तुलना में वह बात नहीं थी। सच तो यह है कि कोरोना काल में रक्तदान में बहुत कमी आ गई थी क्योंकि न तो शिविर आयोजित हो रहे थे और न तो ब्लड बैंक में ही रक्त लिया जा रहा था। मगर अब लोगों को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए।
युवाओं को आगे आना चाहिए रक्तदान के लिए
एसआरएन अस्पताल में ट्रांसफ्यूशन मेडिसिन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. रविरानी मिश्रा कहती हैं कि रक्त हमेशा जरूरी होता है। कोविड संक्रमण काल में तो यह और भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इन दिनों में लोग भयवश अस्पताल जाकर रक्त दान नहीं करते जबकि अस्पताल में भर्ती मरीजों को इसकी जरूरत पड़ती ही है। ऐसे में ब्लड बैंक का खजाना काफी कम हो जाता है। कुल जनसंख्या में एक फीसद लोग भी रक्तदान करें तो ब्लड बैंक काफी समृद्ध हो जाएगा। रक्त के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए। क्योंकि आपका दिया हुआ यह दान किसी का जीवन बचा सकता है। कोविड वैक्सीन लगवाने के 14 दिनों बाद रक्त दिया जा सकता है। वैक्सीन लगवाने के पहले भी रक्त दे सकते हैं और यह करना भी चाहिए। इसी तरह से जिन्हें कोविड हुआ था और आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई है उसके 14 दिनों बाद रक्तदान कर सकते हैं। कोई पुरुष यदि रक्तदान करते हैं तो उसके तीन माह बाद फिर रक्तदान कर सकते हैं और महिलाओं पर यह बात चार महीने में लागू होती है। ब्लड बैंक से अक्सर किसी को बिना एक्सचेंज के भी रक्त देना पड़ता है, कोई लावारिस मरीज है या जेल से आया हुआ कैदी। इन्हें भी बिना एक्सचेंज के रक्त दिया जाता है। इसलिए लोगों को चाहिए कि रक्तदान के प्रति जागरूक हों।