आप भी रहिए सावधान, ऑक्सीजन और दवाओं की होम डिलीवरी के नाम पर प्रयागराज में जालसाज बना रहे शिकार

साइबर सेल के प्रभारी राजीव तिवारी का कहना है कि ऐसी कुछ शिकायतें सामने आई हैं। मदद मांगने वालों को चाहिए कि वह पहले ऐसे मददगारों को परख लें कि जो उनकी सहायता करने वाला है वह कौन है। किसी भी सूरत में ऑनलाइन भुगतान न करें।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:59 PM (IST)
आप भी रहिए सावधान, ऑक्सीजन और दवाओं की होम डिलीवरी के नाम पर प्रयागराज में जालसाज बना रहे शिकार
मदद मांगने वालों को चाहिए कि वह पहले ऐसे मददगारों को परख लें कि जो उनकी सहायता करने वाला है

प्रयागराज, राजेंद्र यादव। पूरी दुनिया में हाहाकार मचाने वाले कोरोना संक्रमण के इस दौर में ऑक्सीजन, दवाओं की मारामारी मची है। पीडि़तों के स्वजन इंटरनेट मीडिया के फेसबुक, वाट्सएप और ट्वीटर के माध्यम से मदद भी मांग रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच इंटरनेट मीडिया पर साइबर ठगों ने नजरें जमा दी हैं। वे बेबस लोगों को अपना शिकार बनाने की फिराक में हैं। इसके लिए मैसेज भेजकर मदद की बात कही जा रही है।

इंटरनेट मीडिया पर मददगारों को टटोलने के बाद ही लें मदद

कोरोना संक्रमण की चपेट में आए बहुत से लोगों को जरूरी दवाएं और ऑक्सजीन नहीं मिल पा रही है। अपनो की जान बचाने के लिए लोग मदद की गुहार लगा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया के फेसबुक, वाट्सएप और ट्वीटर के माध्यम से भी पीडि़तों के स्वजन मदद की आवाज लगा रहे हैं। इसमें कइयों को मदद भी मिल रही है, लेकिन इसी में साइबर शातिर भी दाखिल हो गए हैं। वे मदद मांगने वालों को मैसेज कर दवाएं और ऑक्सीजन को होम डिलीवरी उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन भुगतान की बात कह रहे हैं। यही नहीं 50 फीसद पहले और शेष रुपये का भुगतान डिलीवरी के बाद करने को कहते हैं। हालांकि, लोग पहले डिलीवरी और फिर भुगतान की बात कहते हैं, जिस कारण अभी तक लोग इन शातिरों से बचे हुए हैं। साइबर सेल के प्रभारी राजीव तिवारी का कहना है कि ऐसी कुछ शिकायतें सामने आई हैं। हालांकि, शातिर अभी किसी को अपना शिकार नहीं बना पाए हैं। मदद मांगने वालों को चाहिए कि वह पहले ऐसे मददगारों को परख लें कि जो उनकी सहायता करने वाला है, वह कौन है। किसी भी सूरत में ऑनलाइन भुगतान न करें।

कई राज्यों में पकड़े जा चुके हैं मामले
उप्र के लखनऊ, कानपुर, आगरा के साथ ही दिल्ली, मुंबई, बिहार, पंजाब समेत कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जहां ऑक्सीजन, दवाओं और वैक्सीनेशन के नाम पर साइबर शातिरों ने लोगों को अपना शिकार बनाया है। होम डिलीवरी के नाम पर पीडि़तों के स्वजनों से अच्छी खासी रकम ऐंठ ली है।
 

एडीजी  जोन का है कहना

साइबर सेल को अलर्ट रहने को कहा गया है। इंटरनेट मीडिया के फेसबुक, वाट््सएप और ट््िवटर पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई के निर्देश देने के साथ ही लोगों को जागरुक करने की बात कही गई है।
प्रेम प्रकाश, एडीजी जोन।

chat bot
आपका साथी