Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case : लग्जरी गाड़ियों के शौकीन हैं ‘छोटे महाराज‘, रखते हैं महंगे मोबाइल

Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case स्वामी आनंद गिरि चमचमाती हांडा सिटी गाड़ी से चलते थे। इसके अलावा महंगी बुलेट बाइक का भी शौक रखते हैं। माघ मेला में अक्सर उन्हें बुलेट की सवारी करते हुए देखा जाता था। जबकि हाथों में एप्पल कंपनी के दो-दो मोबाइल होते थे।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 11:21 AM (IST)
Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case : लग्जरी गाड़ियों के शौकीन हैं ‘छोटे महाराज‘, रखते हैं महंगे मोबाइल
रसूखदार रहा है स्वामी आनंद गिरि का रहन-सहन ।

प्रयागराज, जेएनएन। मठ बाघम्बरी गद्दी व आम लोगों के बीच  ‘छोटे महाराज‘ के रूप में विख्यात योग गुरु स्वामी आनंद गिरि का रहन-सहन रसूखदार रहा है। महंगी गाड़ियों में घूमना, महंगे मोबाइल रखना, कीमती कपड़े पहनना उनका शौक है। इसके जरिए वह मठ बाघम्बरी गद्दी के पीठाधीश्वर व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के दूसरे शिष्यों से अपनी अलग अहमियत दिखाते रहे हैं।  

रसूखदार रहा है स्वामी आनंद गिरि का रहन-सहन 

इसी कारण हर वर्ग के लोगों में उनका प्रभाव बढ़ता था। हर कोई उन्हें महंत नरेंद्र गिरि के बाद उनके उत्तराधिकारी के रूप में देखता था, क्योंकि मठ व बड़े हनुमान मंदिर के समस्त कार्यक्रमों में आनंद गिरि की अग्रणी भूमिका रहती थी। स्वामी आनंद गिरि चमचमाती हांडा सिटी गाड़ी से चलते थे। इसके अलावा महंगी बुलेट बाइक का भी शौक रखते हैं। माघ मेला में अक्सर उन्हें बुलेट की सवारी करते हुए देखा जाता था। जबकि हाथों में एप्पल कंपनी के दो-दो मोबाइल होते थे। मोबाइल कुछ महीनों बाद बदलते रहते थे। जबकि पहनते भगवा कपड़ा थे। लेकिन, उसकी कीमत हजारों रुपये मीटर वाली होती है। आनंद गिरि इसके जरिए धनाढ्य लोगों में अपना अलग महत्व रखते थे। हर कोई उन्हें अधिक महत्व देता था। 

शरणागत रहते थे पुलिस अधिकारी

आनंद गिरि के रसूख का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नेता व अधिकारी उनके आगे शणागत रहते थे। बड़े हनुमान मंदिर में राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राजनायिक सहित जो भी आता था, उनके साथ आनंद गिरि की फोटो जरूर होती थी। नरेंद्र गिरि के साथ रहने के बावजूद आनंद गिरि ही विशिष्ट लोगों से बात करते और पूजा करवाते हुए नजर आते थे। इसका स्थानीय अधिकारियों पर व्यापक असर पड़ता था। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी एक काॅल में उनका काम करते थे। पुलिस के एक बड़े अधिकारी की गिनती तो आनंद गिरि के अन्नय शिष्यों में होने लगी थी। मंगलवार व शनिवार को पत्नी के साथ वे हनुमान जी का दर्शन करने जाते थे तो वो आनंद गिरि का चरण स्पर्श किए बिन लौटते नहीं थे, उनके हर आदेश को हाथ जोड़कर सुनते थे। यह देखकर पुलिस के दूसरे अधिकारी भी आनंद गिरि के आगे शरणागत रहते थे। 

सुरक्षा में लगे थे दो सिपाही

गुरु नरेंद्र गिरि की तरह खुद को दिखाने की ललक आनंद गिरि में हमेशा रही है। यही कारण है कि गुरु की तरह वो भी पुलिस सुरक्षा घेरे में रहते थे। आनंद गिरि की सुरक्षा में पुलिस के दो जवान हर समय लगे रहते थे। जबकि माघ मेला में उनकी संख्या बढ़कर चार से छह हो जाती थी। इस बर्ताव से मठ बाघम्बरी गद्दी के दूसरे शिष्य अच्छा नहीं मानते थे। उन्होंने इसकी शिकायत नरेंद्र गिरि से भी की; लेकिन, उन्होंने ऐसी शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया।

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