World Suicide Prohibition Day: मानसिक उलझन में हैं तो डाक्टर से संपर्क करें, आपको बेहतर सलाह देंगे

World Suicide Prohibition Day अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डाक्‍टर वीके मिश्रा ने कहा की जीवन में आने वाली परेशानियों से हार मान कर लोग आत्महत्या जैसे भयानक एवं गंभीर कदम उठा लेते हैं। ऐसा करके वे अपने पीछे परिवार को वेदनापूर्ण जीवन छोड़ जाते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 12:43 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 12:43 PM (IST)
World Suicide Prohibition Day: मानसिक उलझन में हैं तो डाक्टर से संपर्क करें, आपको बेहतर सलाह देंगे
अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी ने सलाह दी कि किसी भी मानसिक समस्या के लिए चिकित्सकों से राय अवश्य लें।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रयागराज की टीम द्वारा विश्व आत्महत्या निषेध दिवस का आयोजन मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय सहित समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर किया गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्‍टर नानक सरन, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डाक्‍टर वीके मिश्रा तथा मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय की प्रमुख अधीक्षक के नेतृत्व में यह आयोजन हुआ। इस बार की थीम 'क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन' यानी 'सक्रियता से आशा उत्पन्न करना' पर आधारित रही |

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डाक्‍टर वीके मिश्रा ने कहा की जीवन में आने वाली परेशानियों से हार मान कर लोग आत्महत्या जैसे भयानक एवं गंभीर कदम उठा लेते हैं। ऐसा करके वे अपने पीछे परिवार को वेदनापूर्ण जीवन छोड़ जाते हैं। उन्‍होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य भी चिकित्सको के परामर्श एवं दवाओं से ठीक किया जा सकता हैं। इसलिए किसी भी मानसिक समस्या के लिए चिकित्सकों से राय अवश्य लें।

डाक्‍टर राकेश पासवान मनोचिकित्सक तथा शैलेश कुमार साइकेट्रिक नर्स ने मिलकर चिकित्सालय में आने वाले विभिन्न रोगों से ग्रसित लगभग दो सौ लोगों की स्क्रीनिंग की तथा आत्महत्या की प्रवृत्ति से ग्रसित लोगों को प्रमुखता से चिन्हित किया। करीब 12 मरीज आत्महत्या की प्रवृत्ति एवं विचार वाले भी मिले इनमें से तीन ने पहले आत्महत्या करने का प्रयास भी किया था। उनकी काउसलिंग कर दवाएं दी गईं। साथ ही उन्हें साइकोथेरेपी करने के लिए मन कक्ष में बुलाया गया है।

विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के अवसर पर चिकित्सालय के कर्मचारियों व अधिकारियों का सामान्य मरीजों सामान आत्महत्या की प्रवति वाले मरीजों का चिन्हीकरण कर उनको राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के पास काउंसलिंग एवं उपचार के लिए भेजा गया।

डाक्‍टर राकेश पासवान मनोचिकित्सक ने बताया कि इस 'क्रिएटिंग होप थ्रू एक्शन' यानी 'सक्रियता से आशा उत्पन्न करना' के माध्यम से प्रयागराज स्वास्थ्य विभाग ने 'रखो आत्मबल, आत्महत्या नहीं है हल' के नारे के साथ सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आत्महत्या निषेध एवं रोकथाम पर एक सक्रिय अभियान चलाया गया है ताकि लोग आत्महत्या से अपने जीवन को समाप्त ना करें। बताया कि मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय में परिक्षण के दौरान जो मरीज मिलें हैं उनकी आज की प्रकिया के बाद उन्हें दोबारा काउन्सलिंग एवं दवा के लिए आने को कहा गया हैं।

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