World Health Day 2021: भागदौड़ भरी जिंदगी से परेशान न हाें, डॉक्‍टरों के टिप्‍स को अपनाएं और स्‍वस्‍थ-मस्‍त रहें

World Health Day 2021 हर साल अलग-अलग थीम पर मनाए जाने वाले विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस की इस बार की थीम है बिल्डिंग अ फेयरर हेल्दियर वर्ल्ड यानी एक निष्पक्ष स्वस्थ दुनिया का निर्माण। इस दिवस का मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श व जागरूकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 07 Apr 2021 10:41 AM (IST) Updated:Wed, 07 Apr 2021 10:41 AM (IST)
World Health Day 2021: भागदौड़ भरी जिंदगी से परेशान न हाें, डॉक्‍टरों के टिप्‍स को अपनाएं और स्‍वस्‍थ-मस्‍त रहें
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस पर स्‍वस्‍थ रहने के लिए आहार, विचार और उत्तम व्यवहार होना जरूरी है।

प्रयागराज, जेएनएन। आज-कल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती जीवन शैली ने सबसे अधिक युवा पीढ़ी को प्रभावित किया है। जीवन में शार्ट कट से बहुत कुछ हासिल कर लेने की चाह ने लोगों का सुकून छीन लिया है। ऐसे में उनके पास न ठीक से खाने का वक्त होता है और न ही सोने का समय। फास्‍ट फूड और नशीली चीजें युवाओं में हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर और हाइपरटेंशन जैसे गैर संचारी रोग होने लगे हैं। ये रोग अब 30 साल की उम्र में ही होने लगे हैं, जबकि पहले 40 साल की उम्र के बाद ही अधिक होते थे।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस की थीम 'बिल्डिंग अ फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड' है

इन्हीं परिस्थितियों से लोगों को उबारने के लिए ही हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना दिवस पर सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के लिए जरूरी परामर्श के साथ जागरूक भी करना है। हर साल अलग-अलग थीम पर मनाए जाने वाले इस दिवस की इस बार की थीम है 'बिल्डिंग अ फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड' यानी एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण। 

एनसीडी सेल के नोडल ने स्‍वस्‍थ रहने का टिप्‍स दिया

एनसीडी सेल के नोडल अफसर व एसीएमओ. डॉ. वीके मिश्रा कहते हैं कि शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि सही पोषण के साथ ध्यान, योग और प्राणायाम को भी जीवन में शामिल किया जाए। शारीरिक श्रम से मुंह मोड़ने का ही नतीजा है कि शरीर बीमारियों का घर बन रहा है। गैर संचारी रोगों से बचने के लिए जरूरी है कि हर रोज कम से कम 45 मिनट तक कड़ी मेहनत व शारीरिक श्रम किया जाए। इससे हृदय रोग और डायबिटीज से शरीर को सुरक्षित बना सकते हैं।

तंबाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ना जरूरी

एसीएमओ. डॉ. वीके मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा तंबाकू उत्पादों के सेवन और शराब से नाता तोड़ने में ही सही सेहत के सारे राज छिपे हैं। इन बीमारियों के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ही सरकार ने घर के नजदीक ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किया है। साथ ही वहां पर इन बीमारियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था, योग क्लास और काउंसिलिंग की भी व्यवस्था की है। सरकार हर किसी को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से ही मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य देखभाल और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर पूरे प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों को संचालित कर रही है।

स्वस्थ जीवन के लिए है जरूरी

- संतुलित आहार लें, फल व सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।

- नियमित व्यायाम से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखें।

- तनाव मुक्त रहें, कोई दिक्कत हो तो परिवार से शेयर करें।

- प्रतिदिन छह से सात घंटे की निद्रा या आराम जरूरी।

- वजन को संतुलित रखें।

- दिक्कत महसूस हो तो प्रशिक्षित चिकित्सक से ही संपर्क करें।

स्वस्थ रहना है तो यह न करें

- चीनी व नमक का अधिक इस्तेमाल न करें।

- तंबाकू और शराब का सेवन न करें।

- तले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।

वेजिटेवल चाइल्ड बनाएं न कि बर्गर चाइल्ड

कोरोना ने रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) की अहमियत को साबित कर दिया है। इसलिए बच्चों की इम्युनिटी पर खास ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वही देश के भविष्य हैं। बच्चों के खाने में हरी साग-सब्जियों और मौसमी फलों को अवश्य शामिल करें ताकि वह शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ बन सकें। फास्ड फूड बर्गर-पिज्जा से सिर्फ स्वाद मिलता है न कि रोगों से लड़ने की क्षमता। इसलिए उनको वेजिटेवल चाइल्ड बनाएं न कि बर्गर चाइल्ड। इसके साथ ही मास्क से मुंह व नाक को ढककर ही बाहर निकलें। इससे कोरोना से ही नहीं बल्कि कई अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे।

कोरोना काल की अच्छी आदतों को अपनाएं

कोविड वैक्सीनेशन के नोडल अधिकारी डॉ. आरएस ठाकुर कहते हैं कि कोविड-19 का संक्रमण पिछले माह से एक बार फिर रफ़्तार पकड़ रहा है, ऐसे में पिछले एक साल में कोरोना से बचने के लिए अपनायीं गयीं अच्छी आदतों को छोड़ने की भूल न करें। जब भी घर से बाहर निकलें, मास्क लगाकर निकलें, दूसरे लोगों से हमेशा दो गज की दूरी बनाकर रखें, किसी चीज़ को छूने के बाद अपने हाथों को सेनेटाइज करते रहें और हवादार जगहों पर ही जाए।

आम आदमी की पहुँच में है होम्योपैथी पद्धति :

विश्व स्वास्थ्य दिवस का संकल्प दुनिया के सभी देशों के नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए नीतियाँ निर्धारित कर लागू कराना है परन्तु अभी तक सभी को स्वास्थ्य का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो पाया है । बीमारियां लगातार बढ़ती जा रहीं हैं, इसलिए यदि सभी को स्वास्थ्य की सुविधाएं उपलब्ध करानी है और सार्वभौमिक स्वास्थ्य आच्छादन के लक्ष्य को प्राप्त करना है तो होम्योपैथी जैसी कम ख़र्चीली, सरल, दुष्परिणाम रहित, आम आदमी की पहुँच वाली पद्धति को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

डॉ. अनिरुद्ध वर्मा, पूर्व सदस्य, केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद्

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