MBBS में दाखिले के नाम पर 17 लाख की ठगी में मास्टर माइंड है महिला, लोगों को जाल में फंसाती थी

मेडिकल कालेज में जिन छात्र-छात्राओं का दाखिला नहीं हो पाता था उनके बारे में शातिर महिला तानी बड़े आराम से पता कर लेती थी। मेडिकल कालेजों के कुछ कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर वे ऐसे छात्र-छात्राओं का मोबाइल नंबर हासिल कर लेती थी। सभी से बात करती थी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:49 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:49 AM (IST)
MBBS में दाखिले के नाम पर 17 लाख की ठगी में मास्टर माइंड है महिला, लोगों को जाल में फंसाती थी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर ठग गिरोह की मास्‍टर माइंड एक महिला है।

प्रयागराज, जेएनएन। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर एक छात्रा से हुई 17 लाख की ठगी के मामले में पांच के खिलाफ कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि यही महिला पूरे गिरोह की मास्टर माइंड है। यही लोगों को जाल में फंसाने का ताना-बाना बुनती थी। सबसे पहले यही लोगों से बात कर मेडिकल कालेज में दाखिला कराने की बात कहती थी। लोग इसके जाल में आराम से फंस जाते थे। महिला होने के कारण कोई उस पर संदेह भी नहीं कर पाता था कि वह इतनी शातिर है।

शातिर महिला कभी नहीं आती थी सामने

नोएडा पुलिस ने जब धोखाधड़ी के एक दूसरे मामले में तानी, पंकज कुमार, आदर्श सिंह व डा. ज्ञानेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया तो तानी सामने आई। इससे पहले पुलिस उसे कभी नहीं गिरफ्तार कर सकी थी। यही नहीं जिन लोगों से उसने धोखाधड़ी की थी, उनके सामने भी वह नहीं आई थी। पूरी बातचीत वह मोबाइल पर ही करती थी। वाट्सएप पर भी अपनी कोई फोटो नहीं लगाई थी। फेसबुक का इस्तेमाल वह दूसरे नाम से करती थी, ताकि कभी कोई उसे पकड़ न सके। उसके बारे में सिर्फ उसके गिरोह के साथियों को ही पता रहता था और वह ही उसे पहचानते थे।

कर्मचारियों की मदद से हासिल कर लेती थी मोबाइल नंबर

मेडिकल कालेज में जिन छात्र-छात्राओं का दाखिला नहीं हो पाता था, उनके बारे में तानी बड़े आराम से पता कर लेती थी। मेडिकल कालेजों के कुछ कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर वे ऐसे छात्र-छात्राओं का मोबाइल नंबर हासिल कर लेती थी। सभी से बात करती थी। काफी बड़ी रकम मांगने की वजह से अधिकांश इंकार कर देते थे, लेकिन जिसने रुपये देने का वायदा कर लिया, उसे अपना शिकार बना लिया जाता था। इसमें तानी का साथ सचिन सिंह, पंकज कुमार, आदर्श सिंह व डा. ज्ञानेंद्र सिंह देते थे। इन सभी को मेडिकल कालेज में कैसे एडमीशन कराना है, सब कुछ बखूबी पता था। यही वजह थी कि अगर कोई इनसे इस बारे में जानकारी लेता था तो ये कहीं नहीं फंसते थे।

chat bot
आपका साथी