Mission 2022: क्या गुल खिला पाएगा बसपा का प्रबुद्ध जन सम्मेलन, अयोध्या के बाद संगमनगरी आकर फूंका चुनावी बिगुल

बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र तीन दिनों तक सर्किट हाउस में प्रवास पर रहे। यहीं से उन्होंने सैदाबाद सिविल लाइंस इसके बाद प्रतापगढ़ और फिर रायबरेली जाकर प्रबुद्धजन को संबोधित किया। सर्किट हाउस में भी उन्होंने नगर और दूरदराज से आए सजातीय बंधुओं से योगदान मांगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:45 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:25 PM (IST)
Mission 2022: क्या गुल खिला पाएगा बसपा का प्रबुद्ध जन सम्मेलन, अयोध्या के बाद संगमनगरी आकर फूंका चुनावी बिगुल
सुगबुगाहट तेज है कि सतीश चंद्र मिश्र ने प्रयागराज में तीन दिन रुककर चुनावी गोट बिछा दी है

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। रामलला की नगरी अयोध्या से शुरू हुआ बहुजन समाज पार्टी का प्रबुद्धजन सम्मेलन विधानसभा चुनाव में कोई गुल खिलाने की कोशिश में है। राम अयोध्या से वनवास पर जाने के लिए प्रयाग की भूमि आए थे और बसपा अपना वनवास खत्म करने के इरादे से अयोध्या के रास्ते प्रयागराज आई है। यहां पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र का अब तक का सबसे लंबा प्रवास दूसरे दलों में हलचल पैदा करने लगा है। सजातीय बंधुओं से नाराजगी खत्म कर एकजुट होने की अपील करने आए सतीश चंद्र मिश्र की कामयाबी पर फिलहाल अंधेरा कायम है।

प्रयागराज में प्रवास कर पड़ोसी जिलों में की सभाएं

बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र तीन दिनों तक सर्किट हाउस में प्रवास पर रहे। यहीं से उन्होंने सैदाबाद, सिविल लाइंस, इसके बाद प्रतापगढ़ और फिर रायबरेली जाकर प्रबुद्धजन को संबोधित किया। सर्किट हाउस में भी उन्होंने नगर और दूरदराज से आए सजातीय बंधुओं से योगदान मांगा। दैनिक जागरण से बातचीत में सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि प्रदेश में ब्राह्मण वर्ग पर अत्याचार हो रहा है। भाजपा सरकार से कोई खुश नहीं है। किसी को नौकरी नहीं मिली, किसी पर दबंगों ने हमले किए, कहीं बड़े-बड़े ठेकेदारों ने जमीन छीन ली तो कहीं युवाओं के कत्ल हुए। कुछ यही दशा दलित समुदाय के लोगों की भी रही।

हमारे नहीं, अपने लिए लड़ें

सतीश चंद्र मिश्र ने अपने प्रवास के दौरान मिलने आए लोगों से कहा कि वह बसपा नहीं बल्कि अपने लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ें। लेकिन, इतना जरूर कहेंगे कि बसपा में ही उनका सम्मान सुरक्षित रह सकता है। इसलिए सुश्री मायावती के हाथ को मजबूत करें।

दूसरे दलों में हलचल बसपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन से लहर जैसी अभी कोई स्थिति नहीं देखने को मिल रही है लेकिन, दूसरे राजनीतिक दल भी सक्रिय हो चुके हैं। सुगबुगाहट तेज है कि सतीश चंद्र मिश्र ने प्रयागराज में तीन दिन रुककर चुनावी गोट बिछा दी है और सिपहसलारों से प्रत्याशियों के प्रस्ताव भी मांगे हैं।

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