कौशांबी में सिल्ट सफाई में तीन करोड़ खर्च,किसानों के खेत तक नहीं आया पानी

सिराथू तहसील क्षेत्र के नगिया मई निवासी किसान मकसूद मोहम्मद मोईन व अटसराय के अर्जुन आदि का कहना है कि निचली राम गंगा कमांड के औरेनी सौरई पथरावां कनपुरवा व गरई माइनर की सफाई के नाम पर महज खाना पूर्ति की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 06:07 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 06:33 PM (IST)
कौशांबी में सिल्ट सफाई में तीन करोड़ खर्च,किसानों के खेत तक नहीं आया पानी
सफाई के नाम पर महज खाना पूर्ति की गई है। नहरों में पानी नहीं आ रहा है।

कौशांबी,जेएनएन।  जिले में फसलों की सिंचाई के लिए जिले में नहरे हैं लेकिन कुछ नहरें सिर्फ सिल्ट सफाई तक ही सीमित रहती हैं। सिराथू तहसील की निचली राम गंगा कमांड की नहर की सिल्ट सफाई तो हर साल कराई जाती है, लेकिन पानी साल में दो बार ही आता है। किसानों के अनुसार फसल की सिंचाई के समय पानी नहीं आता है। सिल्ट सफाई के नाम पर खेल चलता है। नहरों की सफाई तो होती है, लेकिन किसान सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं।

नहरों की सिल्‍ट सफाई के नाम पर महज खाना पूर्ति

 फतेहपुर जनपद से आने वाली निचली राम गंगा कमांड 70 किलोमीटर में फैली हुई है। मुख्य नहर की लम्बाई 20 किलोमीटर व 50 किमी में रजबहे हैं। मुख्य नहर व 11 रजबहों की सिल्ट सफाई तो हर साल कराई जाती है, लेकिन पानी नहीं आता है। इस बार भी नहर की सिल्ट सफाई के लिए तीन करोड़ का टेंडर हुआ है। विभाग ने नहर की सिल्ट सफाई भी कराई, लेकिन सिराथू तहसील क्षेत्र के नगिया मई निवासी किसान मकसूद, मोहम्मद मोईन व अटसराय के अर्जुन आदि का कहना है कि निचली राम गंगा कमांड के औरेनी, सौरई, पथरावां, कनपुरवा व गरई माइनर की सफाई के नाम पर महज खाना पूर्ति की गई है। पानी नहीं आ रहा है। इसकी वजह से धान की फसल सूख रही है। सीडीओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि रामगंगा कमांड की सिल्ट सफाई में यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है। तो मामले की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी होगी। साथ ही नहर में पानी का प्रवाह जल्द कराया जाएगा।

जिले में कार्यालय न होने से हो रहा खेल

समर्थ किसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि नहर की सिल्ट सफाई व देखरेख की जिम्मेदारी ङ्क्षसचाई नहर फतेहपुर को दिया है। जिले में विभाग कोई कार्यालय नहीं हैं। नहर की सिल्ट सफाई में विभागीय अधिकारियों खेल किया है। इसकी वजह से टेल तक पानी नहीं पहुंचता है। इसकी शिकायत भी जिला प्रशासन व विभागीय अधिकारियों से की गई थी, लेकिन जांच नहीं कराई गई है।

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