Water Conservation: प्रयागराज शहर में हजारी लाल की बगिया के कुआं का खत्म हो गया अस्तित्व, प्‍लाटिंग कर दिया पाट

कुआं को हजारी लाल कुशवाहा ने बगिया के गेट के पास ही बनवाया था। वहीं पर दो-तीन मंदिर भी बने हैं। तुलारामबाग में वर्ष 2000 के पहले तक मकान कम बने थे फिर भी बस्ती के लोगों की प्यास इसी कुएं से बुझती थी।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 07:10 AM (IST)
Water Conservation: प्रयागराज शहर में हजारी लाल की बगिया के कुआं का खत्म हो गया अस्तित्व, प्‍लाटिंग कर दिया पाट
कुआं को एक व्यक्ति द्वारा अपनी चहारदीवारी के अंदर कर लिया गया। अब इसका नामोनिशान खत्म हो चुका है।

प्रयागराज,जेएनएन। मधवापुर वार्ड के हजारी लाल की बगिया में एक बड़ा पक्का कुआं था। दो दशक पहले तक यह कुआं अस्तित्व में था। इससे पूरी बस्ती के लोगों की प्यास बुझती थी। लेकिन, बाद में प्लाङ्क्षटग होने पर सुरक्षा के नाम पर इस कुआं को पाट दिया गया। कुआं को एक व्यक्ति द्वारा अपनी चहारदीवारी के अंदर कर लिया गया। अब इसका नामोनिशान खत्म हो चुका है।

ढाई सौ साल पुराना था कुआं

हजारी लाल की बगिया का कुआं करीब ढाई सौ साल पुराना था। कुआं को हजारी लाल कुशवाहा ने बगिया के गेट के पास ही बनवाया था। वहीं, पर दो-तीन मंदिर भी बने हैं। तुलारामबाग में वर्ष 2000 के पहले तक मकान कम बने थे, फिर भी बस्ती के लोगों की प्यास इसी कुएं से बुझती थी। कुएं का पानी बिलकुल शुद्ध और बेहद शीतल था। मोहल्ले के ही बजरंग बली गिरि बताते हैं कि हम लोग इस कुएं के जगत पर स्नान करते थे और पीने के लिए पानी भी ले जाते थे। पानी बहुत शीतल होने के कारण गर्मी के दिनों में भी दो बाल्टी से ज्यादा पानी से लोग स्नान नहीं कर पाते थे। बताते हैं कि करीब 15-20 साल पहले तक कुआं जीवित था। उसके बाद प्लाङ्क्षटग हुई तो उसे पाटकर चहारदीवारी के अंदर कर लिया गया। अगर कुआं का जीर्णोद्धार कराया जाए तो वह फिर से अस्तित्व में आ सकता है। मोहल्ले के लोगों की प्यास बुझाने का एक बड़ा जरिया भी बन सकता है, क्योंकि बिजली कट जाने पर जलापूॢत बाधित होने से लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ता है।

कुआं के जीर्णोद्धार को करेंगे पत्राचार

क्षेत्रीय पार्षद सुनीता श्रीवास्तव का कहना है कि कुआं के जीर्णोद्धार के लिए महापौर अभिलाषा गुप्ता से आग्रह करेंगे और जलकल विभाग से भी पत्राचार किया जाएगा। वार्ड के अन्य कुओं की सफाई के लिए भी विभाग के महाप्रबंधक हरिश्चंद्र बाल्मीकि को सूची सौंपी जाएगी।

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