Water Conservation: विद्वानों ने जताई चिंता, कहा कि तृतीय विश्वयुद्ध का कारण बनेगा जल संकट

Water Conservation इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एआर सिद्दीकी ने पानी के महत्व को जीवन और अर्थव्यवस्था से संदर्भित करते हुए जल संचयन प्रबंधन के विभिन्न आयामों को जमीनी स्तर पर लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:12 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:12 AM (IST)
Water Conservation: विद्वानों ने जताई चिंता, कहा कि तृतीय विश्वयुद्ध का कारण बनेगा जल संकट
प्रयागराज में विद्वानों ने जल संकट पर चिंता जताते हुए इसके समाधान का उपाय भी बताया।

प्रयागराज, जेएनएन। एसएस खन्ना महिला महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की तरफ से जल संरक्षण को लेकर वेबिनार का आयोजन किया गया। एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक डा. अशोक कुमार श्रोतिय ने जल संकट की गंभीरता का सामना कर रहे कई देशों का उदाहरण देते हुए जल संचयन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा जल संकट तृतीय विश्व युद्ध का कारण बनेगा। ऐसे में हमें सचेष्ट रहकर समय रहते हुए एक-एक बूंद पानी को संचित करना चाहिए।

पानी के महत्व समझने का आवश्यकता

इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय में भूगोल विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर एआर सिद्दीकी ने पानी के महत्व को जीवन और अर्थव्यवस्था से संदर्भित करते हुए जल संचयन प्रबंधन के विभिन्न आयामों को जमीनी स्तर पर लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर लालिमा सिंह ने कहा प्रकृति से निश्शुल्क रूप में हमें जल प्राप्त है। आवश्यकता है तो केवल संचय की। यह तभी संभव है, जब हम पानी के महत्व को समझें।

तालाबों और कुएं के जीर्णोद्धार पर दें जोर

एनएसएस के समन्वयक प्रो. राजेश गर्ग ने गांव में गड्ढे, चैकडेम बनाने, गहरे कुंए खोदने, तालाबों और कुओं का जीर्णोद्धार करने पर जोर दिया। इससे बारिश की बूंदों को आसानी से सहेजा जा सकता है। इससे वाटर लेवल भी दुरुस्त करने में काफी आसानी होगी।

15 राज्यों के प्रतिभागियों ने बनाई पेंटिंग

महाविद्यालय की स्वयं सेविकाओं द्वारा जल संचयन पर बनाई गई पेंटिंग्स और स्लोगन को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया। वेबिनार में लगभग 15राज्यों के 400से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया और अपना फीडबैक दिया। इन्हेंं प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। अंत मे सभी ने जल के संचयन का संकल्प लिया। इस दौरान डा. रुचि मालवीय, डा. शिवशंकर श्रीवास्तव, डा. सद्फ सिद्दीकी, डा. सुमिता सहगल आदि उपस्थित रहीं।

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