Water Conservation: परिषदीय स्कूलों में स्थापित होगी वर्षा जल संरक्षण प्रणाली, स्कूलों में हैंडपंप के निकट बनाए जाएंगे सोक पिट

परिषदीय स्कूल भवनों की छत बहुत बड़ी नहीं होती इसलिए उसके पानी को बचाने के लिए कोई खास प्रभावी इंतजाम संभव नहीं है। हैंडपंप व अन्य वाशिंग यूनिट से निकलने वाले पानी को बचाने के लिए जरूर कदम उठाए जाएंगे।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 07:00 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 07:00 AM (IST)
Water Conservation: परिषदीय स्कूलों में स्थापित होगी वर्षा जल संरक्षण प्रणाली, स्कूलों में हैंडपंप के निकट बनाए जाएंगे सोक पिट
विद्यालय में वर्षा जल संरक्षण प्रणाली स्थापित करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से निर्देश दिए गए हैं।

प्रयागराज,जेएनएन। बारिश के पानी को संरक्षित करने व भूगर्भ जलस्तर को बढ़ाने की कवायद शुरू की गई है। इसमें परिषदीय स्कूलों की भूमिका को बढ़ाया जाएगा। प्रत्येक विद्यालय में वर्षा जल संरक्षण प्रणाली स्थापित करने के लिए स्कूल शिक्षा महानिदेशक की तरफ से निर्देश दिए गए हैं। सभी स्कूलों में हैंडपंप के निकट सोक पिट भी बनाए जाएंगे, ताकि जल निकासी की समस्या खत्म हो जाए।

बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि अभी जनपद के किसी विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है। कुछ जगहों पर जरूरत के अनुसार हैंडपंप के पानी की निकासी के लिए सोक पिट पहले से हैं। स्कूल शिक्षा महानिदेशक के निर्देश के अनुसार सभी विद्यालयों में बच्चों व शिक्षकों को बारिश के पानी के संरक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें इसके तौर तरीके भी समझाए जाएंगे। खासकर स्थानीय स्तर पर लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की भी कोशिश होगी। चूंकि परिषदीय स्कूल भवनों की छत बहुत बड़ी नहीं होती इसलिए उसके पानी को बचाने के लिए कोई खास प्रभावी इंतजाम संभव नहीं है। हैंडपंप व अन्य वाशिंग यूनिट से निकलने वाले पानी को बचाने के लिए जरूर कदम उठाए जाएंगे। विद्यालय परिसर में जो सोक पिट बनेगा यदि उसमें धन की जरूरत होगी तो कंपोजिट ग्रांट का प्रयोग किया जा सकता है।

स्कूलों में होगा स्वच्छता संबंधी सुविधाओं का विकास

कोविड महामारी को देखते हुए स्कूलों में स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और बेहतर शैक्षणिक परिवेश देने का प्रयास करने का निर्देश है। आधारभूत सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। खासकर शुद्ध पेय जल व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। बालक व बालिकाओं के लिए अलग अलग शौचालय, मूत्रालय भी बनाने होंगे। मल्टीपल हैंडवाशिंग यूनिट स्थापित करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में सैनिटाइजेशन व सफाई सुनिश्चित करनी होगी। विद्यार्थियों को नियमित रूप से हाथ धोने के लिए भी प्रेरित करना होगा। शारीरिक दूरी बनाने व मास्क पहनने के लिए भी छात्रों को निर्देशित करते रहना होगा।

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