नई भर्ती में पुराने विषयों को शामिल करने की चाहत, UPPSC अध्यक्ष से मिलकर प्रतियोगी छात्र करेंगे यह मांग

प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत को कार्यभार ग्रहण किए काफी समय हो गया है इसलिए वे जल्द आयोग अध्यक्ष से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं का स्तर सुधारने के लिए लोकसेवा आयोग में पिछले डेढ़ साल से काफी बदलाव किए गए

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:13 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:13 AM (IST)
नई भर्ती में पुराने विषयों को शामिल करने की चाहत, UPPSC अध्यक्ष से मिलकर प्रतियोगी छात्र करेंगे यह मांग
प्रतियोगी छात्र बाहर किए गए विषयों को फिर से शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने वर्ष 2019 में भर्ती परीक्षाओं में बड़े बदलाव किए थे। इसमें अहम था पीसीएस की परीक्षा से रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, उर्दू, फारसी व कृषि अभियांत्रिकी जैसे विषयों को बाहर करना। बेहतर नंबर पाने के लिए हजारों अभ्यर्थी इन्हीं विषयों से तैयारी करते रहे हैं, लेकिन आयोग ने इन विषयों को परीक्षा से बाहर कर दिया। अब प्रतियोगी छात्र इन विषयों को फिर से शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

अचानक विषयों को बाहर करना प्रतियोगियों के साथ अन्याय

प्रतियोगियों का कहना है कि आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत को कार्यभार ग्रहण किए काफी समय हो गया है, इसलिए वे जल्द आयोग अध्यक्ष से मिलकर उनके समक्ष अपनी मांग रखेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं का स्तर सुधारने के लिए लोकसेवा आयोग में पिछले डेढ़ साल से काफी बदलाव किए गए। परीक्षा में प्रश्नों का स्तर, परीक्षा कराकर त्वरित रिजल्ट जारी करना, पारदर्शिता के लिए सारी व्यवस्था आनलाइन करना, अभ्यर्थियों की हर दिक्कत का त्वरित समाधान करने जैसी व्यवस्था यूपीएससी की तर्ज पर लागू की गई।

इसके साथ पीसीएस परीक्षा में उन्हीं विषयों को शामिल किया गया, जो संघ लोकसेवा आयोग में हैं। इसी कारण पीसीएस की परीक्षा से रक्षा अध्ययन, समाज कार्य, उर्दू, फारसी, कृषि अभियांत्रिकी जैसे विषयों को बाहर कर दिया है। पीसीएस के अलावा यूपीपीएससी की दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र का स्तर यूपीएससी की तरह होगा। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि बिना किसी सूचना के अचानक विषयों को बाहर करना प्रतियोगियों के साथ अन्याय है। आयोग अपनी गलती सुधार कर हटाए गए विषयों को परीक्षा में शामिल करे। इसको लेकर आयोग अध्यक्ष को मांग पत्र दिया जाएगा।

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