निधि के साथ स्वयंसेवक भी बढ़े, शाखाएं भी मजबूत

अमलेंदु त्रिपाठी प्रयागराज विश्व हिदू परिषद (विहिप) ने देशभर में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण मुहिम चलाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Mar 2021 07:31 PM (IST) Updated:Wed, 17 Mar 2021 07:31 PM (IST)
निधि के साथ स्वयंसेवक भी बढ़े, शाखाएं भी मजबूत
निधि के साथ स्वयंसेवक भी बढ़े, शाखाएं भी मजबूत

अमलेंदु त्रिपाठी, प्रयागराज : विश्व हिदू परिषद (विहिप) ने देशभर में अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए बीते दिनों निधि समर्पण अभियान चलाया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ अन्य आनुषागिक संगठनों ने भी साथ दिया। अहम बात यह रही कि इस अभियान में निधि के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को नए स्वयंसेवक भी मिले।

काशी प्रांत के कुटुंब प्रबोधन सह संयोजक प्रमुख जीडी जोशी ने बताया कि वास्तव में अभियान का लक्ष्य घर घर पहुंचना था। निधि समर्पण अभियान ने संगठन को बहुत मजबूती दी है। सभी गांव व मोहल्लों में नए स्वयंसेवक भी मिले हैं। प्रयागराज जिले के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यहां कुल 40 नगर इकाइयां हैं। 15 शहर उत्तरी में, 15 शहर दक्षिणी में और 10 नैनी में हैं।

अनुमान के अनुसार, प्रत्येक इकाई में 200 से 300 नए स्वयंसेवक जुड़े हैं। इनमें कई टेक्नोक्रेट्स हैं तो कुछ एमबीए डिग्रीधारी। खास बात यह कि सभी वर्ग के लोग संगठन से जुड़े हैं। वह अन्य लोगों को भी साथ लाने का जरिया बन रहे हैं। इससे शाखाओं को काफी मजबूती मिल रही है। आने वाले दिनों में वैचारिक विस्तार का क्रम और तेज होगा। समाज को समरस बनाने व संगठित करने की मुहिम को भी बल मिलेगा। प्रत्येक रविवार हो रहा आयोजन

सभी स्वयंसेवक स्थानीय शाखाओं में जा रहे हैं। नए स्वयंसेवकों के लिए प्रत्येक रविवार विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। इनमें उन्हें संगठन की कार्य प्रणाली व आगे के आयोजनों से भी परिचित कराया जा रहा है। नए स्वयंसेवकों के लिए लग रहा संघ परिचय वर्ग

निधि समर्पण अभियान के दौरान जुड़े नए स्वयं सेवकों को संगठन की रीति व नीति से परिचित कराया जा रहा है। उनके लिए प्रत्येक नगर में संघ परिचय वर्ग भी आयोजित हो रहे हैं। जीडी जोशी ने बताया कि संघ के संस्थापक डॉ. केशवराम बलिराम हेडगेवार ने महसूस किया था कि आजादी के बाद भी सशक्त संगठन की जरूरत होगी। वजह यह कि हिदू समाज संगठित नहीं था जिससे उसे गुलामी का दंश झेलना पड़ा। आगे फिर ऐसे हालात न खड़े हों, इसके लिए हिदू समाज को एक करना होगा

chat bot
आपका साथी