Vikas Insan Party की चेतावनी, भाजपा ने निषाद जातियों को एससी का आरक्षण नहीं दिया तो...
विकासशील इंसान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मिशन 2022 में निषाद जातियां निर्णायक की भूमिका निभाएंगी। अब निषाद समाज भाजपा के वादे में नहीं जाएगा। चुनाव से पूर्व अनुसूचित जाति आरक्षण का शासनादेश व राजपत्र जारी करने के बाद ही भाजपा का खेवनहार बनने का निर्णय लेगा।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता प्रदेश की 403 सीटों पर 169 विधान सभा क्षेत्रों में निषाद (मल्लाह, केवट, बंद, कश्यप) वोट बैंक प्रभावी माने जा रहे हैं। भाजपा ने अपने वादे के अनुसार निषाद समुदाय की मल्लाह, केवट, बिंद, मांझी, धीवर, कहार, गोड़िया, रायकवार आदि जातियों को अनुसूचित जाति के आरक्षण का राजपत्र व शासनादेश जारी नहीं किया तो मिशन-2022 में भाजपा को हराने में वीआइपी जुटेगी।
वीआइपी के अध्यक्ष का मिशन 2022
विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के प्रदेश अध्यक्ष लौटन राम निषाद ने कहा कि मिशन 2022 में निषाद जातियां निर्णायक की भूमिका निभाएंगी। अब निषाद समाज भाजपा के वादे में नहीं जाएगा। चुनाव से पूर्व अनुसूचित जाति आरक्षण का शासनादेश व राजपत्र जारी करने के बाद ही भाजपा का खेवनहार बनने का निर्णय लेगा। भाजपा सरकार चाहे तो दो चार दिन में मझवार, तुरैहा, गोड़, बेलदार आदि को परिभाषित कर या पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा भेजे गये प्रस्ताव को स्वीकार कर निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दे सकती है।
पार्टी का उप्र के 12 जनपदों में 8 अक्टूबर से रैली
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मुकेश सहनी उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों में 8 से 31 अक्टूबर तक रैली करेंगे। निषादराज की राजधानी प्रयागराज में 18 अक्टूबर को आरक्षण अधिकार सामाजिक न्याय रैली को वीआईपी संस्थापक मुकेश सहनी संबोधित करेंगे।
9 अक्टूबर से शुरू होगी रैली
प्रदेश अध्यक्ष चौ.लौटन राम निषाद ने बताया कि 9 अक्टूबर को आगरा, 10 अक्टूबर को सुल्तानपुर, 17 अक्टूबर को अम्बेडरकरनगर, 18 को प्रयागराज, 19 को गाजीपुर, 20 को जौनपुर, 23 को मिर्ज़ापुर, 25 को बलिया, 26 को अयोध्या, 28 को वाराणसी, 29 को गोरखपुर, 31 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर में आरक्षण अधिकार सामाजिक न्याय रैली को वीआइपी संस्थापक व बिहार के सह पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी संबोधित करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं। पहले निषाद जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण चाहिए। इसके बाद भाजपा के समर्थन व उससे गठबंधन पर विचार किया जायेगा। भाजपा ने कई बार वादा किया, पर अभी तक पूरा नहीं किया। अब भाजपा के किसी वादे पर विश्वास नहीं।
उत्तर प्रदेश में 12.91 प्रतिशत निषाद जातियां
चौ.लौटन राम निषाद का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 12.91 प्रतिशत निषाद जातियां होने के बाद भी राजनीतिक दल इनके साथ दोयम दर्जे का बर्ताव करते आ रहे हैं। वर्तमान केंद्र व प्रदेश सरकार में निषाद समाज को राज्यमंत्री तक ही सीमित रखा गया है। भाजपा एक दो नहीं दर्जनों मंत्री या एमएलसी बना दे, बिना आरक्षण के निषाद, बिंद, कश्यप समाज भाजपा के झांसे में नहीं जायेगा। गोरखपुर, गाजीपुर, जौनपुर, फतेहपुर, कानपुर, सिद्धार्थनगर, अयोध्या, आंबेडकर नगर,चंदौली, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलिया, वाराणसी, मीरजापुर, भदोही, प्रयागराज, बांदा, आगरा, औरैया, फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली, बाराबंकी, बहराइच, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, बदायूं, बरेली, उन्नाव, इटावा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, बस्ती की दो या दो से अधिक विधान सभा क्षेत्रों में निषाद समाज का वोट बैंक 40 हजार से अधिक है। 71 विधान सभा क्षेत्रों में तो 70 हजार से अधिक निषाद मतदाता हैं।