प्रयागराज में शातिर तरीके से हो रही थी वाहनों की चोरी, फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद और राज खुलेंगे

वाहनों को चोरी करने के बाद बदमाश सबसे पहले वाहनों का नंबर प्लेट बदल देते थे। चेचिस नंबर भी खरोंचने की कोशिश करते थे। फर्जी कागजात भी तैयार कराए जाते थे। कागजात तो फर्जी होते थे लेकिन उसमें जिस वाहन का नंबर लिखा होता था वह असली होता था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 10:34 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 10:34 AM (IST)
प्रयागराज में शातिर तरीके से हो रही थी वाहनों की चोरी, फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद और राज खुलेंगे
प्रयागराज में शातिराना तरीके से चोर वाहनों को गायब करते थे। फर्जी कागजात तैयार कर उसे बेच देते थे।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज जनपद में चार पहिया और दोपहिया वाहन किस कदर चोरी हो रहे थे, इधर चार दिन में सब कुछ सामने आ गया है। जार्जटाउन, कर्नलगंज, कीडगंज, शाहगंज, करेली, मेजा, होलागढ़, थरवई, नवाबगंज समेत अन्य थाने की पुलिस ने कई वाहन चोरों को इन चार दिनों के भीतर गिरफ्तार किया है। इन सभी की निशानदेही पर चोरी की कार, बाइक और स्कूटी बरामद की गई है। यही नहीं अभी गिरफ्तार बदमाशों के कई साथी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस जुटी है। पूरी संभावना है कि फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के हाथ चोरी के और वाहन लगेंगे।

नंबर प्लेट बदल कर बनाते थे फर्जी कागजात

वाहनों को चोरी करने के बाद बदमाश सबसे पहले वाहनों का नंबर प्लेट बदल देते थे। चेचिस नंबर भी खरोंचने की कोशिश करते थे। इसके अलावा फर्जी कागजात भी तैयार कराए जाते थे। कागजात तो फर्जी होते थे, लेकिन उसमें जिस वाहन का नंबर लिखा होता था, वह असली होता था। ये नंबर उन वाहनों के होते थे, जिनके मालिकों ने वाहनों के कागजात आरटीओ ऑफिस में जमा कर वाहनों को कटवा दिया होता था। कुछ लोगों से मिलीभगत कर ये बदमाश ऐसे वाहनों के बारे में पता लगा लेते थे। फर्जी कागजात तैयार कराने के बाद ये वाहनों को बड़ी आसानी से औने-पौने दाम पर बेच देते थे।

वाहनों पर पुलिस का लोगो लगवाने के साथ उप्र सरकार लिखवाते थे

बदमाश वाहनों को चोरी करने के बाद एक और काम करते थे। वाहनों पर पुलिस का लोगो लगवा लेते थे या नंबर प्लेट के ऊपर उप्र सरकार लिखवा लेते थे। इससे इनको यह फायदा होता था कि कहीं भी जांच में ये पकड़े नहीं जाते थे। अगर किसी पुलिसकर्मी ने इनको रोक भी लिया तो यह गोलमोल जवाब देकर निकल जाते थे। यही सब वजह थी कि इन बदमाशों के हौसले बुलंद थे और ये अक्सर वारदातों को अंजाम देते थे।

chat bot
आपका साथी