Vehicle Thief Gang in Prayagraj: वाहन चोरों के गैंग के फरार सदस्यों की तलाश कर रही पुलिस

Vehicle Thief Gang in Prayagraj पुलिस अब वाहनों के चेचिस नंबर के माध्यम से इनके मालिकों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। पुलिस को उम्मीद है कि चेचिस नंबर से यह पता चल जाएगा कि वाहन स्वामी कौन हैं और वाहनों को कहां से चोरी किया गया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:38 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:38 AM (IST)
Vehicle Thief Gang in Prayagraj: वाहन चोरों के गैंग के फरार सदस्यों की तलाश कर रही पुलिस
प्रयागराज में वाहन चोरी करने वाले सक्रिय गिरोह के सदस्‍यों की पुलिस तलाश कर रही है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में इन दिनों वाहन चोरों का गिरोह सक्रिय है। करेली पुलिस और एसओजी टीम ने वाहन चोरों के फरार सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही है। हालांकि सफलता नहीं मिली, लेकिन फरार बदमाशों के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। पुलिस को उनके ठिकानों के बारे में भी पता चला है, जिससे अब उनकी गिरफ्तारी की राह आसान होती नजर आ रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही फरार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

दूसरे राज्यों में शातिर बेचते हैं वाहन

चोरी के वाहनों को गिरोह के सदस्य दूसरे राज्यों में बेचते थे। इससे पकड़े जाने का खतरा बेहद कम होता था। नंबर प्लेट बदलकर वहीं के नंबर का इस्तेमाल किया जाता था। करेली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों बदमाशों ने बताया कि प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर, भदोही समेत अन्य जनपदों से चोरी किए गए वाहनों को मध्य प्रदेश, उत्तराखंड में बेचते थे। इसके लिए किसी भी वाहन का नंबर प्लेट लगा देते थे। फर्जी कागजात भी बना लेते थे, जो बिलकुल असली लगता था।

बरामद वाहन कहां से चोरी किए गए थे, पता लगा रही पुलिस

करेली पुलिस ने शिवशंकर बिंद निवासी सतवा बीरमपुर थाना ऊंच जनपद भदोही और धीरज कुमार यादव निवासी हरिहरपुर थाना ऊंज जनपद भदोही को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। उनकी निशानदेही पर चोरी की सात बाइक और एक कार बरामद की गई थी। पुलिस ने दोनों से चोरी के वाहनों के बारे में पूछा तो वे ये नहीं बता सके कि इन्हें कहां से चोरी किया गया था। पुलिस अब इन वाहनों के चेचिस नंबर के माध्यम से इनके मालिकों के बारे में जानकारी जुटाने में लगी है। पुलिस को उम्मीद है कि चेचिस नंबर से यह पता चल जाएगा कि वाहन स्वामी कौन हैं और वाहनों को कहां से चोरी किया गया था।

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