कोरोना कर्फ्यू में सब्जी विक्रेताओं की आफत, कई जगह फुटकर मंडियों में प्रयागराज पुलिस नहीं लगने देती दुकानें
भीड़ लगने के मद्देनजर शहर में कई फुटकर सब्जी मंडियों को पुलिस नहीं लगने देती है। इससे तमाम सब्जी विक्रेताओं का रोजगार ठप हो गया है। इससे उनके लिए परिवार की आजीविका चलाना भी बेहद मुश्किल हो गया है। यह कोरोना कर्फ्यू उनके लिए आफत बन गया है
प्रयागराज, जेएनएन। रोजमर्रा के उपभोग की जरूरी चीजों में शामिल सब्जी की बिक्री पर कोरोना कर्फ्यू में भी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है। लेकिन, भीड़ लगने के मद्देनजर शहर में कई फुटकर सब्जी मंडियों को पुलिस नहीं लगने देती है। इससे तमाम सब्जी विक्रेताओं का रोजगार ठप हो गया है। इससे उनके लिए परिवार की आजीविका चलाना भी बेहद मुश्किल हो गया है। यह कोरोना कर्फ्यू उनके लिए एक तरह से आफत बन गया है क्योंकि उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है।
पटरी पर सब्जी बेचने से रोक रही पुलिस, गुजारा होना होता जा रहा मुश्किल
ठेले पर सब्जी लगाकर बेचने पर विक्रेताओं को पुलिस विक्रेताओं को ज्यादा परेशान नहीं करती है। लेकिन, जहां रोड के किनारे फुटकर सब्जी की दुकानें लगती थी, उसमें से कई स्थानों पर भीड़ होने के कारण पुलिस दुकानें नहीं लगने दे रही है। बक्शी बांध सब्जी मंडी पर किसानों का जमघट हो जाने के कारण पुलिस द्वारा करीब सप्ताह भर पहले मंडी बंद करा दी गई थी। शारीरिक दूरी का अनुपालन करते हुए रोड से हटकर पीछे दुकानें लगाने की इजाजत दी गई थी लेकिन, वहां फ्लाईओवर का निर्माण होने से खतरा रहता है। लिहाजा, सैकड़ों थोक और फुटकर सब्जी विक्रेताओं के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। गऊघाट में सीवरेज पंपिंग स्टेशन के समीप और मीरापुर सब्जी मंडी में भी रोड के किनारे जमीन पर दुकानें नहीं लगने पा रही हैं। कुछ थोक विक्रेताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तमाम सब्जी विक्रेताओं के लिए परिवार की आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। उन्हें कमरे का किराया, बिजली का बिल आदि देना होता है, जो कारोबार के ठप हो जाने से देना संभव नहीं हो रहा है।