बारिश से सब्जी व्यवसाय प्रभावित, प्रयागराज में सब्जियों की बिक्री 50 फीसद कम होने से रेट धड़ाम
दो दिनों की साप्ताहिक बंदी होने और रविवार को भोर से बरसात होने से मुंडेरा मंडी में फुटकर दुकानदार और ग्राहक बहुत कम पहुंचे। इससे सब्जियों की बिक्री एकदम चौपट रही। बिक्री कम होने से किसानों व व्यापारियों को हरी सब्जियों को दाम घटाकर बेचना पड़ा।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने दो दिनों की साप्ताहिक बंदी की घोषणा की है। साप्ताहिक बंदी में सब्जियां की बिक्री प्रभावित है। ऐसे में बारिश ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है। बारिश से सब्जियों की बिक्री में करीब 50 फीसद से ज्यादा की गिरावट आई है। सब्जियों की बिक्री में इतनी ज्यादा कमी होने से सब्जियों के बर्बाद होने के डर से किसानों और थोक व्यापारियों ने सब्जियों के दाम काफी गिरा दिए हैं। वह घाटे पर सौदा करने पर विवश हुए।
हरी सब्जियां लौकी, नेनुआ, भिंडी, करैला, कद्दू दो-तीन रुपये से लेकर चार-पांच रुपये किलो बिक रही है। हालांकि, फुटकर बिक्री में रेट का खास असर नहीं पड़ा है। बाजार खुलने का समय शाम सात बजे तक होने का असर सब्जियों की बिक्री पर पड़ा ही है।
फुटकर में सब्जियों के रेट में कमी नहीं
दो दिनों की साप्ताहिक बंदी होने और रविवार को भोर से बरसात होने से मुंडेरा मंडी में फुटकर दुकानदार और ग्राहक बहुत कम पहुंचे। इससे सब्जियों की बिक्री एकदम चौपट रही। बिक्री कम होने से हरी सब्जियों के दाम घटाकर लौकी दो-तीन, नेनुआ, भिंडी, करैला चार से पांच, कद्दू भी दो से तीन रुपये प्रति किलो में बेचना पड़ा। बर्बाद न होने वाली सब्जियों आलू, प्याज, लहसुन आदि की कीमतें भले यथावत रहीं, लेकिन फुटकर में करैला 30 से 40, चौरा 40 से 50, लौकी 15 से 20 और नेनुआ 20, भिंडी 20 रुपये किलो है।
साप्ताहिक बंदी खत्म करने की मांग
मुंडेरा सब्जी एवं फल व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि साप्ताहिक बंदी की वजह से सब्जियों की बिक्री बिलकुल नहीं हुई, जिससे रेट और गिर गया। उन्होंने शासन से साप्ताहिक बंदी को समाप्त करने की मांग की, ताकि व्यापार सुचारु रूप से चल सके।