14 जेलों के बंदियों की प्रतिभा तराशेगा उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, बंदी उच्च शिक्षा की करेंगे पढ़ाई

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों के जेल महकमे की तरफ से बंदियों को उच्च शिक्षा प्रदान कराने के लिए विश्वविद्यालय को प्रस्ताव आए हैं। नए सत्र के शुरू होते ही कैदियों को प्रवेश देने कार्य शुरू होगा।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 07:30 AM (IST)
14 जेलों के बंदियों की प्रतिभा तराशेगा उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, बंदी उच्च शिक्षा की करेंगे पढ़ाई
सूबे के 14 जेल प्रशासन ने मुक्त विश्वविद्यालय को बंदियों को पढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा है।

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। जेल का नाम सुनते आम आदमी में अजीब सा डर पैदा हो जाता है। लेकिन, अब जेल में बदली हुई हवा बहने लगी है। अब तक बंदी हाईस्कूल व इंटर तक ही शिक्षा लेते थे, लेकिन अब उच्च शिक्षा की भी मशाल जलने लगी है। यह अवसर उपलब्ध कराया है उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (मुविवि) ने। जेल में बंदी भी पढ़ाई कर अपने अतीत को भुलाकर भविष्य संवार सकेंगे। नैनी सेंट्रल जेल के 41 बंदी अगस्त में परीक्षा देंगे। इसे देखते हुए सूबे के 14 जेल प्रशासन ने मुक्त विश्वविद्यालय को बंदियों को पढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा है।

बंदियों को निश्‍शुल्‍क शिक्षा देगा मु‍विवि

उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019 में नैनी सेंट्रल जेल में गंभीर अपराध के आरोप में सजा काट रहे कैदियों को शुल्क में 75 फीसद छूट के साथ उच्च शिक्षा देने का निर्णय लिया था। पढ़ाई के प्रति कैदियों का रुझान देखने के बाद विवि ने फैसले में संशोधन करते हुए पूरे प्रदेश की जेल में बंद कैदियों को पूरी तरह से निश्शुल्क शिक्षा का फैसला लिया। इसके बाद अब प्रदेश के विभिन्न जिलों का जेल महकमा भी सक्रिय हो गया है। नैनी सेंट्रल जेल के अलावा प्रदेश की 13 जेलों के प्रशासन ने विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजकर प्रवेश देने का आग्रह किया है। नए सत्र से इन जेलों के बंदियों को स्नातक और परास्नातक के अलावा विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देकर विश्वविद्यालय उनकी प्रतिभा तराशेगा। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों के जेल महकमे की तरफ से बंदियों को उच्च शिक्षा प्रदान कराने के लिए विश्वविद्यालय को प्रस्ताव आए हैं। नए सत्र की प्रक्रिया शुरू होते ही कैदियों को प्रवेश दिए जाने का कार्य शुरू होगा। दाखिला दिए जाने के बाद कैदियों को पाठ्य सामग्री भी उपलब्ध करा दी जाएगी।

इन जेलों ने भेजे प्रस्ताव

केंद्रीय एवं जिला कारागार आगरा, केंद्रीय कारागार वाराणसी, जिला/मंडल कारागार झांसी, जिला/मंडल कारागार आजमगढ़, जिला कारागार गौतमबुद्धनगर, जिला कारागार डासना गाजियाबाद, जिला कारागार गोरखपुर, जिला कारागार अयोध्या, केंद्रीय कारागार बरेली और बरेली द्वितीय, जिला कारागार मेरठ, जिला कारागार फतेहपुर। आननफानन में यहां अध्ययन केंद्र भी खोल दिए गए हैं।

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